Uttarakhand Government – Administration (I)


उत्तराखंड शासन – प्रशासन (I) 


9 नवम्बर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग हो कर एक राज्य बनाया गया जिसका नाम उत्तराँचल रखा गया। यह राज्य उत्तर प्रदेश के 13 पर्वतीय जिलो को अलग कर बनाया गया था।

उस समय –

भारत के राष्ट्रपति – के. आर. नारायण (K.R. Narayana)

भारत के प्रधानमंत्री – अटल बिहारी वाजपय (Atal Bihari Vajapayee)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री – राजनाथ सिंह (Rajnath Singh)

केंद्र में सरकार – बी.जे.पी. (B.J.P. -Bhartiya Janta Party)

राज्य में सरकार – बी.जे.पी. (B.J.P. -Bhartiya Janta Party)

  • 1 अगस्त 2000 को राज्य विधेयक लोकसभा में पारित हुआ।
  • 10 अगस्त 2000 को राज्यसभा में विधेयक पारित हुआ।
  • 28 अगस्त 2000 को राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत किया गया।
  • 9 नवम्बर 2000 को उत्तराँचल राज्य बना।

उत्तराखंड का विभाजन –

  1. कुमाऊँ मे 6 जनपद
  2. गढ़वाल मे 7 जनपद

किसी भी राज्य की राज्यव्यवस्था के दो आधार होते है।

  • शसन
  • प्रशासन

उत्तराखंड की राज्यव्यस्था संसदीय प्रणाली (Parliamentary system) पर चलता है। जो संविधान (Constitution) के अध्याय-6   के अनुच्छेद (Article) 152 से 237 के अंतर्गत कार्य करती है। उत्तराखंड व् अन्य सभी राज्यों का शासन-प्रशासन संविधान (Constitution) के अध्याय-6  के अनुसार संचालित होता है।

लोकतंत्रात्मक (Democratic) –

लोकतंत्रात्मक (Democratic) दो तीन भागों में बटा हुआ है-

  1. राजनैतिक व्यवस्था (Political system)
  2. स्थानीय व्यवस्था (Local system)

1. राजनैतिक व्यवस्था (Political system) –

राजनैतिक व्यवस्था (Political system) तीन भागों में बटा हुआ है-

1. विधान मण्डल (Legislature) [अनुच्छेद (Article) – 168]

विधान मण्डल संविधान (Constitution)  के अनुच्छेद (Article) 168 के अंतर्गत कार्य करता है।जिसमे –

  1. विधानसभा (Assembly) [अनुच्छेद (Article) – 170]
  2. विधानपरिषद (Legislative Council) [अनुच्छेद (Article) – 169]
  3. राज्यपाल (Governor) [अनुच्छेद (Article) – 153]

2. कार्यपालिका (Executive) –

  1. राज्यपाल (Governor) [अनुच्छेद (Article) – 53]
  2. मंत्री परिषद (Council of Ministers) [अनुच्छेद (Article) – 164]
  3. मुख्यमंत्री (Chief Minister)
  4. सचिवालय (Secretariat)
  5. कार्यकारी विभाग (निर्देशालय) (Executive Department)
  6. महाधिवक्ता (Advocate General) [अनुच्छेद (Article) – 165]

3. न्यायपालिका (Judiciary) – 

  1. उच्च न्यायालय (High Court) [अनुच्छेद (Article) – 214]
  2. लोकायुक्त (Lokayukta)
  3. जिला अदालत (Distric Court)

2. स्थानीय व्यवस्था (Local system) –

स्थानीय व्यवस्था (Local system) संविधान (Constitution) के अध्याय-9 (Chapter 9)  के अनुच्छेद (Article) 243 के अंतर्गत कार्य करती है।

  1. पंचायती राज (Panchayati Raj)

विधानमण्डल (Legislature) –


हर राज्य में विधि (Law) निर्माण के लिए विधानमंडल की व्यवस्था की गई है।विधानमंडल के 3 अंग है –

  1. विधानसभा (Assembly) [अनुच्छेद (Article) – 170]
  2. विधानपरिषद (Legislative Council) [अनुच्छेद (Article) – 169]
  3. राज्यपाल (Governor) [अनुच्छेद (Article) – 153]

1. विधानसभा (Assembly) –

  • इसे निम्न सदन (Lower house) भी कहा जाता है।
  • विधानसभा का गठन संविधान (Constitution) के अनुच्छेद 170(Article 170) के तहत हुआ है।
  • इसमें राज्यों के वयस्क मतदाताओं (18 साल से उप्पर) के द्वारा चुना जाता है।
  • विधानसभा सदस्यों (Assembly members) का चुनाव विधानसभा क्षेत्रों के वयस्क मतदाताओं द्वारा प्रत्यक्ष रीति से किया जाता है।
  • विधानसभा की सदस्यता के लिए निर्धारित योग्यता अनुच्छेद 173 (Article 173) के अनुसार वही है जो लोकसभा के लिए निर्धारित है।
  • वह व्यक्ति भारत का नागरिक हो।
  • वह अपनी 25 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
  • वह व्यक्ति भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन लाभ के पद पर कार्यरत न हो।
  • वह व्यक्ति  संसद द्वारा बनाई गई किसी विधि के अधीन राज्य विधानसभा का सदस्य चुने जाने के अयोग्य ना हो।
  • विधानसभा सदस्य बनने के बाद पद ग्रहण करने से पूर्व राज्यपाल या उसका प्रतिनिधि तीसरी अनुसूची के अनुसार शपथ दिलाई  जाती है।
  • किसी भी राज्य की विधानसभा में अधिक से अधिक 500 और कम से कम 60 सदस्य हो सकते है। कुछ अपवाद (Exception) जैसे गोवा , सिक्किम , मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में 60 से कम सीटें है।
  • विधानसभा सदस्य का कार्यकाल 5 वर्षो का रहता है।
  • राष्ट्रीय आपातकाल (Emergency) के समय में संसद द्वारा विधानसभा का कार्यकाल एक समय में एक वर्ष तक के लिए (कितने भी समय के लिए) बढ़ाया जा सकता है, हालांकि यह विस्तार आपातकाल (Emergency) खत्म होने के बाद छह महीने से अधिक का नहीं हो सकता है। अर्थात आपातकाल खत्म होने के छह महीने के भीतर विधानसभा का दोगरा निर्वाचन हो जाना चाहिए।
  • विधानसभा का विघटन (Assembly dissolution) 5 वर्षो से पहले भी किया जा सकता है।
  • विधानसभा का विघटन (Assembly dissolution) विघटन मंत्री परिषद की सलाह पर राज्यपाल द्वारा किया जाता है।
  • यदि राज्य में राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) लागू हो तो उस स्थिति में भी विधानसभा का विघटन किया जा सकता है।
  • विधानसभा की बैठक में गणपूर्ति / कार्यसाधक संख्या (Working number / Quorum) के लिए कम से कम 1/10 सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य है।यह संख्या 10 से कम नही होनी चाहिये।
  • विधानसभा सत्र वर्ष में दो बार संचालित किया जाना आवश्यक है।
  • इन दो सत्रों के बीच 6 माह का अंतराल (Interval) होना चाहिए। जो की 6 माह से अधिक नहीं होना चाहिये।
  • विधानसभा में प्रमुख पद अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष होते है।
  • संविधान (Constitution)  के अनुच्छेद (Article) 178 के अंतर्गत विधानसभा के सदस्य अपने मध्य में से ही किसी एक सदस्य को अध्यक्ष तथा एक को उपाध्यक्ष चुनते हैं।
  • विधानसभा के विघटन (Assembly dissolution) होने  के बाद भी , अध्यक्ष अगले नव निर्वाचित (Newly elected) विधानसभा के पहले सत्र तक अपने पद पर बना रहता है।
  • आम तौर पर विधानसभा अध्यक्ष को 5 वर्षों के लिए चुना जाता है। किंतु यदि अध्यक्ष चाहे 5 वर्षों से पहले भी उपाध्यक्ष को अपना इस्तीफा (Resignation) देकर पद छोड़ सकता है।
  • विधानसभा के तत्कालीन सदस्यों के बहुमत (Majority) के प्रस्ताव के द्वारा भी अध्यक्ष को प्रस्ताव के द्वारा भी बेदख़ल (Ousted) किया जा सकता है।लेकिन इस तरह का प्रस्ताव करने से पहले, अध्यक्ष को 14 दिनों पूर्व सूचना देना अनिवार्य है।
  • जब अध्यक्ष के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया जाता है, तो अध्यक्ष उस बैठक की अध्यक्षता नहीं करता है, लेकिन अध्यक्ष को  उस बैठक में भाग लेने और मतदान करने का पूरा अधिकार है।
  • विधान सभा का अध्यक्ष (Assembly Speaker) लोकसभा के अध्यक्ष (Speaker) के समान कार्य करता है।

उत्तराखण्ड प्रथम निर्वार्चित विधानसभा (Uttarakhand First Constituent Assembly)(2002 – 2007) –

  • उत्तराखण्ड प्रथम निर्वार्चित विधानसभा चुनाव की तारीख़ 14 फ़रवरी 2002 थी।
  • जिसमे मतदान % (Vote %) – 54.34% रहा।
  • इस चुनाव में कांग्रेस (Congress) ने 70 सीटो में से 36 सीटो में जीत हांसिल कर अपनी सरकार बनाई थी।
क्रमांक
S.No.
दल (Party) सीटें लड़ीं
(Fought seats)
सीटें जीतीं
(Won seats)
मत %
(Vote%)
लड़ी गयी सीटों में मत %
(% Votes in
Seats Contested)
सदन में नेता
(Leader in the House)
1 भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस (काँग्रेस)
Indian National Congress (Congress)
70 36 26.91% 26.91% नारायण दत्त तिवारी
Narayan Datt Tiwari
2 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
Bharatiya Janata Party (BJP)
69 19 25.45% 25.81% Bhagat Singh Kosari
भगत सिंह कोश्यारी
3 बहुजन समाज पार्टी (बसपा)
Bahujan Samaj Party (BSP)
68 07 10.93% 11.20%  –
4 उत्तराखण्ड क्रान्ति दल (उक्रांद)
Uttarakhand Kranti Daly (UKD)
62 04 5.49% 6.36% काशी सिंह ऐरी
Kashi Singh Airy
5 राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी (राकाँपा)
Nationalist Congress Party (Rakampa / NCP)
26 01 1.50% 4.02% Balvir Singh Negi
बलवीर सिंह नेगी
6 निर्दलीय
Independents
03 16.30% 16.63%  N/A
कुल
Total
70
  • राकाँपा और निर्दलीय की (1 + 3) सीटें कांग्रेस में शामिल हो गयी थी , जिससे कांग्रेस की कुल सीटें 40 हो गयी थी।
  • प्रथम निर्वार्चित (First elected) मुख्यमंत्री (Chief Minister) नारायण दत्त तिवारी (Narayan Datt Tiwari) थे।
  • 2002  में नारायण दत्त तिवारी (Narayan Datt Tiwari) रामनगर से विधायक चुने गए थे।
  • 2002 में विधानसभा अध्यक्ष (speaker of the Assembly) यशपाल आर्य (Yashpal Arya) थे।
  • 2002 में विधानसभा उपाध्यक्ष (Assembly Deputy Speaker) कोई  भी नहीं था।
  • 2002 विधानसभा चुनावों में कुल 927 प्रत्याशी मैदान में थे (855 पुरुष और 72 महिलाएँ) जिनमें से कुल 70 प्रत्याशी चुने गए (66 पुरुष और 4 महिलाएँ)
  • 4 महिलओं ने विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया,जिसमे से 2 कांग्रेस (Congress) की तथा 2 बीजेपी (BJP) की थी।

मंत्रीमंडल –

  1. मुख्यमंत्री (Chief Minister) –  नारायण दत्त तिवारी
  2. सूचना विभाग एवं प्रौग्योगिकी (Information Department and Technology) / लोक निर्माण विभाग (Public Works Department)- इंद्रा हृदेश (Indra Hridesh)
  3. ग्राम विकास एवं पयेजल विभाग (Village Development and Water Department) – सुरेंद्र सिंह नेगी (Surendra Singh Negi)
  4. माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षा मंत्री(Minister of Secondary and Primary Education) – नरेन्द्र सिंह भंडारी (Narendra Singh Bhandari)
  5. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री (Medical and Health Family Welfare Minister) – तिलक राज बेहड़ (Tilak Raj Behar)
  6. पंचायती राज (Panchayati Raj) – प्रीतम सिंह (Pritam Singh)
  7. समाज कल्याण (Social Welfare) – राम प्रशाद टम्टा (Ram Prasad Tamta)
  8. लघु उद्योग (Small Scale Industries) – गोविन्द सिंह कुंजवाल (Govind Singh Kunjwal)
  9. राजस्व (Revenue) – हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat)
  10. महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) – अमृता राव (Amrita Rao)

उत्तराखण्ड द्वितिय निर्वार्चित विधानसभा (Uttarakhand Second Constituent Assembly)(2007 – 2011) –

  • चुनाव की तारीख़ 21 फ़रवरी 2007 थी।
  • मतदान % (Vote %) – 63.6 %
  • इस चुनाव में बीजेपी (BJP) ने 70 सीटो में से 34 सीटो में जीत हांसिल कर अपनी सरकार बनाई थी।
  • 2007 से 2009 तक भुवन चन्द्र खंडूरी (Bhuvan Chandra Khanduri) मुख्यमंत्री (Chief Minister) रहे उत्तराखण्ड के ।
  • उस समय विधानसभा अध्यक्ष हरवंश कपूर थे।
  • भुवन चन्द्र खंडूरी के इस्तीफ़ा देने के बाद स्वास्थ्य मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal Nishank) 2009- 2011 तक मुख्यमंत्री (Chief Minister) रहे।
  • रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal Nishank) का कार्यकाल 2 साल 2 महीने 18 दिन का रहा था।
  • सितम्बर 2011 को पुनः भुवन चन्द्र खंडूरी को मुख्यमंत्री (Chief Minister) बना दिया गया था।
  • भुवन चन्द्र खंडूरी (Bhuvan Chandra Khanduri) का कार्यकाल 2011-2012 तक रहा।

उत्तराखण्ड तृतीय निर्वार्चित विधानसभा (Uttarakhand Third Constituent Assembly)(2007 – 2011) –

  • चुनाव की तारीख़ 30 जनवरी 2012 थी।
  • मतदान % (Vote %) – 67.70 %
  • इस चुनाव में कांग्रेस (Congress) ने 70 सीटो में से 32 सीटो में जीत हांसिल कर अपनी सरकार बनाई थी।
  • 2012 –  2014 तक विजय बहुगुणा (Vijay Bahuguna) मुख्यमंत्री (Chief Minister) रहे उत्तराखण्ड के।
  • उस समय विधानसभा अध्यक्ष (Assembly Speaker) गोविन्द सिंह कुंजवाल (Govind Singh Kunjwal) थे तथा उपाध्यक्ष (Vidhan Sabha Deputy Speaker) अनुसूया प्रसाद मैखुरी थे।
  • विजय बहुगुणा (Vijay Bahuguna) के इस्तीफ़ा देने के बाद हरीश सिंह रावत (Harish Singh Rawat) राज्य के नये मुख्यमंत्री (Chief Minister) बने।
  • 21 मार्च 2016 से 11 मई 2016 तक राष्ट्रपति शासन रहा।
  • यह राष्ट्रपति शासन 46 दिनों तक रहा था।
  • 14 मई 2016 से 2017 तक हरीश सिंह रावत (Harish Singh Rawat) पुनः राज्य के नये मुख्यमंत्री (Chief Minister) बने।

उत्तराखण्ड चतुर्थ निर्वार्चित विधानसभा (Uttarakhand Fourth Constituent Assembly)(2007 – 2011) –

  • चुनाव की तारीख़ 14 फ़रवरी 2017 थी।
  • मतदान % (Vote %) – 67.70 %

BJP – 57
Congress – 11
Independent – 2

  • इस चुनाव में बीजेपी (BJP)ने 70 सीटो में से 57 सीटो में जीत हांसिल कर अपनी सरकार बनाई थी। जिसमे बीजेपी (BJP) को बहुमत मिला था।
  • इस समय विधानसभा अध्यक्ष (Assembly Speaker) प्रेम चन्द अग्रवाल (Premchand Aggarwal)है तथा उपाध्यक्ष (Vidhan Sabha Deputy Speaker)रघुनाथ सिंह चौहान (Raghunath Singh Chauhan)है।

मंत्रीमंडल –

  1. त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) मुख्यमंत्री (Chief Minister) – गृह मंत्रालय (Home Ministry ), गोपनीय (Confidential), कार्मिक (Personnel), सतर्कता (Vigilance), कानून और न्याय (Law and Justice), सचिवालय प्रशासन (Secretariat Administration), सामान्य प्रशासन (General Administration), सतर्कता (Vigilance), सुराज (Suraj), अपराध उन्मूलन और सार्वजनिक सेवा (Crime Eradication and Public Service), लोक शिकायत (Public Grievances), राज्य संपत्ति (State Property), लोक निर्माण (Public Works), ग्रामीण विकास (Rural Development), सूचना (Information), ग्रामीण कार्य (Rural Works), ग्रामीण सड़कें और ड्रेनेज (Rural Roads and Drainage), नागरिक उड्डयन (Civil Aviation), ऊर्जा (Energy), वैकल्पिक ऊर्जा (Alternative Energy), चिकित्सा सेवा (Medical Services), चिकित्सा संकेत (Medical Signs), परिवार कल्याण (Family Welfare), आपदा प्रबंधन (Disaster Management), राजस्व और भूमि प्रबंधन (Revenue and Land Management), सैनिक कल्याण (Military Welfare), तकनीकी शिक्षा (Technical Education), योजना (Planning), बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाएँ (Externally Aided Projects), जेल (Jails), नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षक (Civil Defense and Home Guard),औद्योगिक विकास (Industrial Development), लघु मध्यम और सूक्ष्म उद्योग (Small Medium and Micro Industries), खादी ग्रामोद्योग (Khadi Village Industries), खाद्य और सिविल सेवा (Food and Civil Services), खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing), सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology), विज्ञान और प्रौद्योगिकी (Science and Technology), जैव-प्रौद्योगिकी (Biotechnology), संसदीय कार्य (Parliamentary Affairs), विधायी (Legislative), भाषा (Language), वित्त (Finance), वाणिज्यिक कर (Commercial Taxes), टिकट और पंजीकरण (Stamps and Registration), मनोरंजन कर (Entertainment Tax), उत्पाद शुल्क (Excise duty), पेय राजनीति जल और स्वच्छता (Drinking politics water and sanitation,), गन्ना विकास और गन्ना उद्योग (Sugarcane Development and Sugarcane Industry।
  2. सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) – सिंचाई (Irrigation), बाढ़ नियंत्रण (Flood Control), लघु सिंचाई (Minor Irrigation), वर्षा जल संग्रहण (Rainwater Harvesting) ,जलागम प्रबन्धन (Watershed Management), भारत – नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाएं (India – Nepal Uttarakhand River Projects), पर्यटन (Tourism), तीर्थाटन एवं धार्मिक मेले (Pilgrimage and Religious Fairs), संस्कृति (Culture)।
  3. डॉ. हरक सिंह रावत (Dr. Harak Singh Rawat) – वन एवं वन्य जीव (Forest and Wildlife), पर्यावरण एवं ठोस अपशिष्ट निवारण (Environment and Solid Waste Prevention), श्रम (Labor), सेवायोजन (Employment), प्रशिक्षण (Training), आयुष (AYUSH), आयुष शिक्षा (AYUSH Education)।
  4. मदन कौशिक (Madan Kaushik) – शहरी विकास (Urban Development), आवास(Housing), राजीव गॉधी शहरी आवास (Rajiv Gandhi Urban Housing), जनगणना (Census), पुनर्गठन (Reorganization), निर्वाचन (Election) |
  5. यशपाल आर्य (Yashpal Arya) – परिवहन (Transport), समाज कल्याण (Social Welfare), अल्पसंख्यक कल्याण (Minority Welfare), छात्र कल्याण (Student Welfare), ग्रामीण तालाब विकास (Rural Pond Development), सीमान्त क्षेत्र विकास (Frontier Area Development), परिक्षेत्र विकास एवं प्रबन्धन (Zone Development and Management), पिछड़ा क्षेत्र विकास (Backward Region Development)|
  6. अरविन्द पाण्डेय (Arvind Pandey) – विद्यालयी शिक्षा (School Education), प्रौढ़ शिक्षा (Adult Education), संस्कृत शिक्षा (Sanskrit Education), खेल (Sports), युवा कल्याण (Youth Welfare), पंचायती राज (Panchayati Raj)|
  7. सुबोध उनियाल (Subodh Uniyal) – कृषि (Agriculture), कृषि विपणन (Agricultural Marketing) , कृषि प्रसंस्करण (Agricultural Processing), कृषि शिक्षा (Agricultural Education), उद्यान एवं फलोद्योग (Horticulture and Plant Industry), रेशम विकास (Sericulture) |
  8. रेखा आर्य (Rekha Arya) – महिला कल्याण एवं बाल विकास (Women welfare and child development), पशुपालन, भेड़ एवं बकरी पालन (Animal Husbandry, Sheep and Goat Rearing), चारा एवं चारागाह विकास (Fodder and Pasture Development), मत्स्य विकास (Fisheries Development)।
  9. डॉ धन सिंह रावत (Dr. Dhan Singh Rawat)- सहकारिता (Cooperation), उच्च शिक्षा (Higher Education), दुग्ध विकास (Milk Development), प्रोटोकॉल (Protocol)।

विपक्षी दल –

योग्यता –

  • दूसरा सबसे ज्यदा वोटों वाला दल।
  • विपक्ष दल होने के लिए कम से कम 10 % सीटें होना अनिवार्य है। यह 10% सीटें खुद की पार्टी की होनी चाहिये।

भूमिका-

  • सरकार से सवाल करना।
  • सुनिश्चित करें कि सरकार कदम नहीं उठाती है, जिससे सरकार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  • किसी भी बिल की सामग्री पर जनसंख्या और सरकार को सचेत करने की उम्मीद करना लोगों के लिए अच्छा नहीं है।

विपक्ष के नेताओं की सूची-

  1. 2002 – 20022 – रिक्त
  2. 2002 -2003 – भगत सिंह कोशियारी (कपकोट)
  3. 2003 – 20007 – मातबर सिंह कंडारी (रुद्रप्रयाग)
  4. 2007 – 2012 – हरक सिंह रावत (लैंसडाउन)
  5. 2012 – 2017 – अजय भट्ट (रानीखेत)
  6. 2017- अभी तक – इंदिरा ह्रदयेश (हल्द्वानी)

विधानसभा सीटों का वितरण (Distribution of Vidhan Sabha Seats) –

  • 70 + 1 = Total
  • 70 – निर्वाचित (elected)सीटें हैं
  • 1- एंग्लो इंडियन (गवर्नर द्वारा) [Anglo Indian (By Governer)]

सीटों का वितरण (Distribution of Seats) –

  1. हरिद्वार (Haridwar) – 11
  2. देहरादून (Dehradun) – 10
  3. उधम सिंह नगर (Udham Singh Nagar) – 9
  4. नैनीताल (Nainital) – 6
  5. अल्मोड़ा (Almora) – 6
  6. पौड़ी (Pauri – 6
  7. टिहरी (Tehri) – 6
  8. पिथौरागढ़ (Pithoragarh) – 4
  9. चमोली (Chamoli)- 3
  10. उत्तरकाशी (Uttarkashi) – 3
  11. चपावत (Chapawat) -2
  12. बागेश्वर (Bageshwar) – 2
  13. रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) – 2

आरक्षित सीटें (Reserved Seats) –

15 = 13 (SC) और 2(ST)

अनुसूचित जाति सीटें (Schedule Caste Seats) = 13 

  1. देहरादून (Dehradun) – 1
  2. हरिद्वार (Haridwar) – 3
  3. उधम सिंह नगर (Udham Singh Nagar) – 1
  4. नैनीताल (Nainital) – 1
  5. अल्मोड़ा (Almora) – 1
  6. पौड़ी (Pauri – 1
  7. टिहरी (Tehri) -1
  8. उत्तरकाशी (Uttarkashi) -1
  9. बागेश्वर (Bageshwar) – 1
  10. पिथौरागढ़ (Pithoragarh) – 1
  11. चमोली (Chamoli) – 1

अनुसूची ट्रे (एसटी) सीटें (Schedule Trides (ST) seats) –

  1. चकराता (देहरादून) [Chakrata (Dehradun)] – 1
  2. नानकमत्ता (उधम सिंह नगर) [Nanakmatta (Udham singh Nagar)] – 1

2. विधानपरिषद –

भारत में केवल 6 राज्यों में विधानपरिषद है।

  1. तेलंगाना (Telangana)
  2. आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh)
  3. बिहार (Bihar)
  4. कर्नाटक (Karnataka)
  5. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)
  6. महाराष्ट्र (Maharashtra)

जिन राज्यों में विधानसभा तथा विधानपरिषद दोनों हो उसे द्विसदनात्मक व्यव्स्था कहते है।

उत्तराखंड में एकसदनात्मक व्यव्स्था है।


3. राज्यपाल – 

  • संविधान के अनुच्छेद 53(Article-53) अंतर्गत हर राज्य का एक राज्याध्यक्ष (Head of State) जिसे राज्यपाल या गवर्नर (Governor) के नाम से जाना जाता है।
  • राज्यपाल शब्द राज्य सरकार का बोध कराता है।
  • विधानमंडल (Legislature) में सबसे ऊपर राज्यपाल का स्थान होता है। जिसे कार्यकारी प्रमुख (Executive head) सवैधानिक प्रमुख (Constitutional Head कहा जाता है।
  • राज्यपाल (Governor) केंद्र सरकार (Central Government) का प्रतिनिधि होता है।
  • राज्यपाल हस्ताक्षर (Signature) के बिना कोई भी कानून प्रवर्तन (Actuation) में नहीं आ सकता।
  • राज्यपाल, विधानसभा के अधिवेशन (Session) को संचालित (Operated) करता, सत्रावसान (Prorogation) करता तथा विघटन (Dissolution) करता है।
  • सदन (House) के सत्र के प्रारंभ में, राज्यपाल सदन को संबोधित (Address) करेंगे, बजट (Budget) रखेंगे, साक्ष्य की निर्भरता तय करेंगे, विधेयकों (Bills) को राष्ट्रपति के पास भेजने और विशेष शर्तों (Special conditions) को आरक्षित करने का निर्णय लेंगे। जब सदन सत्र में नहीं होता है, तो वह अध्यादेश (Ordinance) जारी करता है।
  • यह सभी राज्यपालों का विधायीका कार्य है।
Note- हर राज्य का एक राज्यपाल होगा लेकन 7वां संशोधन (amendment) 1956 के तहत एक व्यक्ति दो या दो से अधिक राज्यों का राज्यपाल हो सकता है। 

राज्यपाल की नियुक्ति – 

  • राज्यपाल की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 155(Article-155) के अंतर्गत राष्ट्रपति के मोहर लगे आज्ञापत्र के माध्यम से होती है।
  • सुप्रीमकोर्ट 1979 व्यव्स्था के अनुसार राज्यपाल कार्य करने हेतु स्वतंत्र है। इस मॉडल को कनाडा से अपनाया गया है।

योग्यता (eligibility)-

  • राज्यपाल के लिए योग्यता अनुच्छेद 157(Article-157) के अंतर्गत होनी चाहिये।
  • वह भारत का  नागरिक होना चाहिए।
  • उसकी उम्र 35 वर्ष की होनी चाहिए।
  • जिस राज्य का उसे राजपाल बनाया जायेगा उसे उस राज्य से बहार का होना चाहिये अर्थात वह व्यक्ति अपने राज्य का राज्यपाल नहीं बन सकता।
  • राज्यपाल की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति तथा राज्य के मुख्यमंत्री से परामर्श होता है।

 

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