UPSSSC UP Rajasva (Revenue) Lekhpal Mains Exam 31 July 2022 (Answer Key)
Uttar Pradesh Public Service Commission (UPSSSC) द्वारा आयोजित Rajasva (Revenue) Lekhpal Mains की परीक्षा का आयोजन 31 july 2022 को किया गया। इस पोस्ट में आज हुए प्रश्नपत्र कि उत्तरकुंजी उपलब्ध है।
Uttar Pradesh Public Service Commission (UPSSSC) conducted the Rajasva (Revenue) Lekhpal Mains Exam on 31 july 2022. In this post the answer key of today’s question paper is available.
Exam Paper:- Rajasva (Revenue) Lekhpal Mains
Exam Organizer:– Uttar Pradesh Public Service Commission (UPSSSC)
Exam Date:- 31/07/2022
Total Question:- 100
अनुच्छेद को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्र.क्र. 1 – 5) के उत्तर दीजिए।
मनुष्य को निष्काम भाव से सफलता – असफलता की चिंता किए बिना अपने कर्तव्य का पालन करना है। आशा या निराशा के चक्र में फंसे बिना उसे निरंतर कर्तव्यरत रहना है। किसी भी कर्तव्य की पूर्णता पर सफलता अथवा असफलता प्राप्त होती है। असफल व्यक्ति निराश हो जाता है, किंतु मनीषियों ने असफलता को भी सफलता की कुंजी कहा है। असफल व्यक्ति अनुभव की संपत्ति अर्जित करता है, जो उसके भावी जीवन का निर्माण करती है। जीवन में अनेक बार ऐसा होता है कि हम जिस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए परिश्रम करते हैं, वह पूरा नहीं होता। ऐसे अवसर पर सारा परिश्रम व्यर्थ हो गया – सा लगता है और हम निराश होकर चुपचाप बैठ जाते हैं। उद्देश्य की पूर्ति के लिए दोबारा प्रयत्न नहीं करते। ऐसे व्यक्ति का जीवन धीरे – धीरे बोझ बन जाता है। निराशा का अंधकार न केवल उसकी कर्म – शक्ति, वरन् उसके समस्त जीवन को ही ढक लेता है। निराशा की गहनता के कारण लोग कभी – कभी आत्महत्या तक कर बैठते हैं। मनुष्य का जीवन धारण करके कर्म – पथ से कभी विचलित नहीं होना चाहिए । विघ्न – बाधाओं की, सफलता – असफलता की तथा हानि – लाभ की चिंता किए बिना कर्तव्य के मार्ग पर चलते रहने में जो आनंद एवं उत्साह है, उसमें ही जीवन की सार्थकता है, ऐसा जीवन ही सफल है।
1. असफल व्यक्ति क्या अर्जित करता है ?
(A) अपयश
(B) अनुभव की संपत्ति
(C) धन – दौलत
(D) आशा के पुष्प
2. मनुष्य को किस प्रकार कर्तव्य पालन करना चाहिए ?
(A) निष्काम भाव से
(B) सफलता – असफलता की चिंता किए बिना
(C) आशा – निराशा के चक्र में फंसे बिना
(D) उपर्युक्त सभी
3. मनीषियों ने सफलता की कुंजी किसे कहा है ?
(A) धन को
(B) परिश्रम को
(C) असफलता को
(D) शारीरिक बल को
4. कैसे व्यक्तियों का जीवन धीरे-धीरे बोझ बन जाता
(A) जो असफल होने पर दोबारा प्रयत्न नहीं करते।
(B) जो परिश्रम से जी चुराते हैं।
(C) जो नित्य व्यायाम नहीं करते ।
(D) जो धन – दौलत नहीं कमाते ।
5. जीवन की सार्थकता किसमें है ?
(A) हर समय सोते रहने में।
(B) बहुत सारा धन कमाने में
(C) कर्तव्य मार्ग पर चलने के आनंद में
(D) दूसरों से अपना काम निकालने में
6. निम्नलिखित में से सही संधि विच्छेद का चयन कीजिए :
(A) पत्र + अलय
(B) मरण + असन्न
(C) वीर + अंगना
(D) यथा + आर्थ
7. ‘कब्र में पैर लटकना’ मुहावरे का सही अर्थ है
(A) मृत्यु के समीप होना
(B) मृत्यु से कोसों दूर रहना
(C) कब्र के पास बैठना
(D) इनमें से कोई नहीं
8. निम्न में से शलाका का तद्भव रूप है :
(A) श्लेष
(B) सलाई
(C) सलाका
(D) सिलाई
9. ‘आनंद’ शब्द का उचित पर्यायवाची शब्द है
(A) मोद, हर्ष
(B) अचल, प्रमोद
(C) तनुज, आमोद
(D) शाल, उल्लास
10. ‘अपना-पराया’ किस समास का उदाहरण है ?
(A) द्वंद्व समास
(B) द्विगु समास
(C) बहुव्रीहि समास
(D) तत्पुरुष समास
11. निम्न में से कौन सा शब्द स्त्रीलिंग नहीं है ?
(A) यामा
(B) योजना
(C) भिक्षा
(D) संबल
12. किस विकल्प में सही विलोम-युग्म है ?
(A) साँझ – दोपहर
(B) कृपण – दाता
(C) शुष्क – क्षुद्र
(D) प्रसन्न – प्रफुल्ल
13. ‘जीवनपति’ का समानार्थी शब्द है –
(A) यमराज
(B) पति (स्वामी)
(C) आदमी
(D) महीपति
14. ‘जिसे इन्द्रियों से अनुभव न किया जा सके’ अनेक पद के लिए एक शब्द है –
(A) अतीन्द्रिय
(B) इन्द्रिय
(C) इन्द्रियशेष
(D) इन्द्रजीत
15. निम्न में से कौन सा शब्द पुल्लिंग है ?
(A) पूर्ति
(B) अभिव्यक्ति
(C) विवाह
(D) छवि
16. ‘पंखा’ का बहुवचन क्या होगा ?
(A) पँखे
(B) पँखें
(C) पंख
(D) पंखे
17. ‘दुश्शासन’ का संधि-विग्रह होगा
(A) दुष + शासन
(B) दुश + शासन
(C) दु: + शासन
(D) इनमें से कोई नहीं
18. निम्न में से किस शब्द की वर्तनी सही है ?
(A) भाग्यमान
(B) रमायन
(C) लालायित
(D) वाल्मिकी
19. निम्नलिखित शब्दों पर विचार कीजिए :
(1) अधोगती
(2) ऊजवल
(3) विस्मरण
(4) हितैषी
किस विकल्प में सभी शब्द शुद्ध हैं ?
(A) 1, 2 और 4
(B) 1, 2 और 3
(C) 3 और 4
(D) 2 और 3
20. ‘खग जाने खग की ही भाषा’ का अर्थ है –
(A) पक्षियों की भाषा जानना
(B) समान प्रवृति वाले ही एक दूसरे को सराहते
(C) पक्षी अपनी भाषा स्वयं समझते हैं
(D) पक्षियों की तरह बोलना