उत्तराखंड का टिहरी जनपद/ जिला
Tehri district of Uttarakhand
टिहरी का इतिहास –
- टिहरी जनपद की स्थापना 28 दिसम्बर 1815 को हुई थी।
- पंवार वंश के 55वें राजा सुदर्शन शाह ने 28 दिसम्बर 1815 को पुरानी टिहरी में टिहरी रियासत की नींव रखी।
- 1877 में प्रताप शाह ने प्रताप नगर की नींव रखी थी।
- 1921 में नरेंद्र शाह ने नरेंद्र नगर की स्थापना की व 1925 में नरेंद्र नगर में राजधानी स्थानन्तरित की थी।
- 1 अगस्त 1949 को टिहरी रियासत का भारतीय संघ में विलय किया गया था।
- 24 फरवरी 1960 को उत्तरकाशी को टिहरी जनपद अलग किया गया था।
- 16 सितम्बर 1997 में टिहरी से रुद्रप्रयाग को अलग कर दिया गया।
टिहरी जनपद प्रमुख मन्दिर –
1.रघुनाथ मन्दिर –
- यह मंदिर देवप्रयाग में स्थित है।
- भगवान श्री राम ने यहां पर रावण को मारने के बाद तपस्या की थी।
2.पलेठी का सूर्य मंदिर –
- देवप्रयाग में स्थित इस मंदिर की स्थापना 6वीं-7वीं शताब्दी में हुई मानी जाती है।
3.सेम मुखेम मंदिर –
- प्रताप नगर के मुखेम गांव से लगभग 5 km ऊपर स्थित यह मंदिर भगवान नागराज को समर्पित है।
4.बूढाकेदार –
- भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर भिलंगना विकासखंड में स्थित है।
- बूढाकेदार मंदिर में मंगशीर की दीपावली में ‘बलिराज मेले’ का आयोजन होता है।
5.सुरकण्डा देवी मंदिर-
- चंबा मसूरी मार्ग पर स्थित यह मंदिर कदुखाल से 2.5 KM ऊपर सुरकूट पर्वत पर स्थित है।
6.चन्द्रबदनी मंदिर –
- यह पर्वत चंद्रकुट पर्वत पर स्थित है।
7.कुंजापुरी मंदिर
8.ज्वालामुखी मंदिर
9.बलखिलेश्वर मंदिर
10.मणिकनाथ मंदिर
11.ढूँढ़ेश्वर महादेव मंदिर
टिहरी जनपद प्रमुख पर्यटक स्थल
1.मुनि की रेती –
- मुनि की रेती टिहरी जनपद के ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला पुल के निकट स्थित है।
2.तपोवन –
3.खैंट पर्वत –
4.चम्बा –
- गब्बर सिंह नेगी(विक्टोरिया क्रॉस सम्मानित) की जन्मस्थली।
- चंबा के निकट श्री देव सुमन की जन्मस्थली जोलगाँव भी है।
- चम्बा में ऋषिकेश धराशु मार्ग पर बनी 440 मीटर लंबी चम्बा सुरंग स्थित है जिसका उद्घाटन 26 मई 2020 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा किया गया।
5.धनोल्टी –
- मसूरी- चम्बा मार्ग पर स्थित प्रमुख स्थल।
6.प्रताप नगर –
- स्थापना – 1877(प्रताप शाह ने)
- प्रताप नगर में नागराजा का प्रसिद्ध मंदिर सेम मुखेम मन्दिर स्थित है।
7.देवप्रयाग –
- देव शर्मा नामक ऋषि ने यहाँ पर तपस्या थी जिसके कारण यहाँ का नाम देवप्रयाग पड़ा।
- इस स्थल को सुदर्शन तीर्थ भी कहा जाता है।
- देवप्रयाग में रघुनाथ मंदिर स्थित है।
8.नरेंद्र नगर –
- स्थापन – 1921 नरेंद्र शाह द्वारा।
- नरेंद्रनगर में राज्य पुलिस प्रशिक्षण अकादमी स्थित है।
9.नई टिहरी –
- टिहरी जनपद का मुख्यालय।
10.नागटिब्बा
टिहरी जनपद की प्रमुख नदियां –
भागीरथी नदी (Bhagirathi River) –
भागीरथी की प्रमुख सहायक नदियां –
1.भिलंगना –
- उद्गम स्थल – खतलिंग ग्लेशियर
- संगम – गणेश प्रयाग में भागीरथी नदी से
भिलंगना की प्रमुख सहायक नदी-
- बालगंगा- बालगंगा घनसाली में भिलंगना से संगम करती है।
- बालगंगा की प्रमुख सहायक नदी धर्मगंगा है जो बूढाकेदार के पास बालगंगा से मिलती है।
2.जलकुर नदी –
- भल्डियाणा में भागीरथी से संगम
3.अलकनंदा–
- देवप्रयाग में भागीरथी से संगम करती है व देवप्रयाग से आगे गंगा नदी के नाम से जानी जाती है।
कुछ अन्य नदियां-
1.अगलाड़ नदी-
- उद्गम – नागटिब्बा के निकट
- अगलाड़ नदी यमुना नदी की सहायक नदी है।
2.हेंवल नदी–
- यह नदी ऋषिकेश के शिवपुरी में गंगा नदी से मिलती है।
3.चंद्रभागा नदी –
- यह नदी ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट के निकट गंगा नदी से मिलती है।
टिहरी जनपद की प्रमुख परियोजना –
टिहरी जनपद के प्रमुख ताल –
प्रमुख कुंड –
प्रमुख गुफाएं-
ग्लेशियर (Glacier) –
- खतलिंग ग्लेशियर (Khatling Glacier)
टिहरी जनपद के प्रमुख जलप्रपात –
टिहरी जनपद के प्रसिद्ध मेले –
1.मोण मेला –
- यह मेला जौनपुर क्षेत्र में जौनसारी जनजाति का प्रसिद्ध मेला है।
- इस मेले में मछली पकड़ने की प्रतियोगिता होती है इसलिए इस मेले को मछमोण मेला भी कहते हैं।
- मोण मेला अगलाड़ नदी पर अयोजित किया जाता है।
2.सेम मुखेम मेला –
- यह मेला प्रतापनगर क्षेत्र के मुखेम गांव से ऊपर सेम मुखेम मंदिर पर मंगशीर्ष के माह आयोजित होता है।
3.रंवाई किसान मेला –
- यह मेला माधो सिंह भंडारी के गांव मलेथा में आयोजित किया जाता है।
4.शहीद नागेंद्र सकलानी मोलू भरदारी विकास मेला –
- कीर्तिनगर
5.रणभूत मेला –
- टिहरी जनपद के नैलचामी पट्टी में कार्तिक माह में रणभूत मेला आयोजित किया जाता है।
- राजशाही के समय विभिन्न युद्धों में मारे गए लोगों की याद में रणभूत मेला लगता है।।
- यह मेला भूत नृत्य के रूप में जाना जाता है
6.तिलका देवी मेला –
यह मेला बाड़ासरी जौनपुर में तिलका देवी मंदिर में आयोजित किया जाता है।
7.नाग टिब्बा मेला
8.चन्द्रबदनी मेला
टिहरी जनपद की प्रमुख यात्रा –
1.खतलिंग महादेव यात्रा–
- यह यात्रा भिलंगना क्षेत्र के घुत्तू से होकर पंवाली काँठा होते हुए खतलिंग ग्लेशियर तक होती है।
- इस यात्रा का आयोजन सितंबर माह में होता है।
2.पंवाली-काँठा केदारनाथ यात्रा –
- यह यात्रा टिहरी के पंवाली काँठा से रुद्रप्रयाग के केदारनाथ तक आयोजित की जाती है।
- इस यात्रा का आयोजन अगस्त-सितम्बर माह में होता है।
3.गुरु मणिकनाथ यात्रा –
- टिहरी जनपद में प्रति वर्ष पांच दिवसीय गुरु मणिकनाथ यात्रा आयोजित की जाती है।
4.सहस्त्र ताल –
- महासर ताल यात्रा
टिहरी जनपद के प्रमुख बुग्याल –
1.मासरताल बुग्याल
2.जोराई बुग्याल
3.खतलिंग बुग्याल
4.खारसोली बुग्याल
5.कोटली (अप्सराओं) बुग्याल
6.पंवाली – काँठा बुग्याल
टिहरी जनपद में विकासखंड(ब्लॉक) (Block) –
2.चम्बा (Chamba)
3.जौनपुर (Jaunpur)
4.थौलधार (Thauladhaar)
5.प्रताप नगर (Pratap Nagar)
6.जाखणीधार (Jakhanidhar)
7.हिंडोलाखाल(देवप्रयाग) (Hindolaakhaal(Devaprayaag)
8.कीर्तिनगर (Keertinagar)
9.भिलंगना(घनसाली) (bhilangana(ghanasaalee))
टिहरी जनपद जनसंख्या आकंड़े (Tehri district population figures) –
जनघनत्व (Mass density) – 170
लिंगानुपात (Sex Ratio) – 1078
कुल साक्षरता प्रतिशत (Total literacy percentage) – 76.36%
पुरुष साक्षरता (Male Literacy) – 89.76%
महिला साक्षरता (Female literacy) – 64.28%
टिहरी जिले की तहसीले (Tehsil of Tehri District) –
2. धनोल्टी (Dhanaulti)
3. घनसली (Ghansali)
4. जाखणीधार (Jakhanidhar)
5. नरेंद्रनगर (Narendranagar)
6. प्रतापगर (Pratapgar)
7. टिहरी (Tehri)