स्यालम की घटना – 26 अगस्त 1942 में स्यालम की घटना हुई। इस घटना में नर सिंह धानक तथा टिका सिंह शहीद हुए।
देघाट(अल्मोड़ा घटना) – अगस्त 1942 में प्रदर्शन व् हड़ताल होने पर पुलिस तथा आन्दोलन करियो के मध्य युद्ध हुआ तथा हीरामणी ,हरीकृष्ण,बद्रीदत्त शहीद हुए।
सल्ट खुमाड घटना – 5 सितम्बर 1942 को खुमाड नामक स्थान पर जहाँ कांग्रेस का मुख्यालय था। ब्रिटिश सेना वहाँ आन्दोलनकरियो पर गोलिया चलई जिसमे गंगाराम,खीमदेव,चुडामणी,बहादुर सिंह शहीद हुए।
महात्मा गाँधी ने इसे सल्ट की भूमिका बारदोली की संज्ञा दी।
गढ़वाल का बारदोली पौड़ी को कहा जाता है। सल्ट में 5 सितम्बरको शहीद मेले का आयोजन किया जाता है।
सवतंत्रता आन्दोलन के दौरान सदानंद उप्रेती ने गढ़वाल के सिलांगी में राष्ट्रीय विद्यालयकी सथापना की ।
देवकी नंदन पाण्डेय तथा भागीरथी पाण्डेय ने प्रेम विद्यालय की सथापना की।