उत्तराखंड के प्रमुख व्यक्ति-
कालू माहरा-
- चम्पावत जिले के लोहाघाट के समीप थुआमहरा गांव में 1831 कालू महरा (Kalu Mahra) का जन्म हुआ था।
- उत्तराखंड के पहले स्वंत्रता सेनानी कालू माहरा थे।
- 1857 की क्रांति में कालू महरा ने ही अंग्रेजों के खिलाफ ‘क्रांतिवीर संगठन’ का निर्माण किया था।
- (1857 में हल्द्वानी पर कब्ज़ा रोहेलखण्ड के विद्रोहियों ने किया था न की कब्ज़ा कालू मेहरा ने ।)
पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त-
- पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त का जन्म 10 सितम्बर 1887 को खूंट (अल्मोड़ा) में हुआ था।
- पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त को हिमालय पुत्र के नाम से भी जाना जाता था।
- उत्तरप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त थे।
- 1955 में पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त ने गृह मंत्री रूप में कार्यकाल संभाला।
- पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त को 26 जनवरी 1957 में भारत रत्न सम्मानित किया गया।
- हृदयाघात से जूझते हुए 7 मार्च 1961 को उनकी मृत्यु हो गयी।
हर्ष देव औली-
- हर्षदेव ओली का जन्म 1890 में ग्राम गोशनी, खेतीखान चंपावत में हुआ था।
- हर्षदेव ओली का उपनाम काली कुमाऊं का शेर था।
- नाभा एस्टेट के राजा रिपुदमन सिंह ने 1923 में हर्षदेव ओली को अपना सलाहकार नियुक्त किया।
- हर्षदेव ओली 1924 में फारेस्ट ग्रीवेंस कमेटी के उपाध्यक्ष बने।
- देवीधुरा मेले में भाषण के चलते 12 अगस्त, 1930 को गिरफ्तार हुए।
- हर्षदेव ओली की स्मृति में खेतीखान में सेनानी पार्क का निर्माण किया गया है।
बैरिस्टर मुकुंदीलाल-
- मुकुंदीलाल का जन्म 14 अक्टूबर 1885 को पाटली गाँव ,चमोली में हुआ था।
हरगोविंद पन्त-
- 19 मई 1885 को हरगोविंद पन्त का जन्म अल्मोड़ा के चितई में हुआ था।
- ‘सल्ट सत्याग्रह‘ की शुरुआत करने वाले हरगोविंद पंत पहले व्यक्ति थे।
- “भारत छोड़ो” जैसे आंदोलनों की शुरुआत 1942 में अल्मोड़ा में हरगोविंद पन्त ने की थी।
- 02 जनवरी 1951 से 09 अप्रैल 1957 तक हरगोविंद पन्त उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे।
अनुसूया प्रसाद बहुगुणा-
- गोपेश्वर में मंडल घाटी के प्रसिद्ध अनुसूया देवी मंदिर में अनुसूया प्रसाद का जन्म 18 फरवरी 1894 को हुआ था।
- मंदिर में जन्म होने के कारण इनका नाम भी अनुसूया ही रख दिया गया।
- अनुसूया प्रसाद बहुगुणा ने असहयोग आन्दोलन और सविनय अवज्ञा आन्दोलन दोनों में बढ़चढ़ कर भाग लिया था।
- अनुसूया प्रसाद बहुगुणा का उपनाम गढ़ केशरी था।
- 23 मार्च 1943 को लगातार खराब स्वास्थ्य रहने के कारण अनुसूया प्रसाद बहुगुणा की मृत्यु हो गयी।
भवानी सिंह रावत-
- भवानी सिंह रावत का जन्म पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचुर गांव में 8 अक्टूबर 1910 को हुआ था।
- भवानी सिंह रावत चन्द्रशेखर आजाद की हिंदुस्तान प्रजातान्त्रिक समाजवादी संघ के एकमात्र सदस्य थे।
- दुगड्डा में शहीद मेले की शुरुआत भवानी सिंह रावत ने की थी।
डा . भक्त दर्शन-
- भक्त दर्शन का जन्म 12 फरवरी 1912 को भैराड़ गाँव , पौड़ी गढ़वाल में हुआ था।
- भक्त दर्शन हिन्द फौज के सैनिकों हेतु निर्मित कोष के संयोजक रहे।
- 30 अप्रेल 1991 को उन्यासी वर्ष की उम्र में देहरादून में डॉ. भक्तदर्शन का निधन हो गया।
श्रीदेव सुमन-
- श्रीदेव सुमन का जन्म 12 मई 1916 में जौल गाँव , टिहरी गढ़वाल में हुआ था।
- 23 जनवरी 1939 को देहरादून में टिहरी राज्य प्रजामंडल की स्थापना हुई,जिसके संयोजक मन्त्री श्रीदेव सुमन चुने गये।
- भारत छोड़ो आन्दोलन प्रारम्भ होते हुए ही टिहरी आते समय श्रीदेव सुमन को 29 अगस्त 1942 को देवप्रयाग में ही गिरफ्तार कर लिया गया।
- श्रीदेव सुमन को 10 दिनों तक मुनि की रेती जेल में रखा गया तथा 6 सितम्बर को देहरादून जेल भेज दिया गया।
- करीब तीन महीने देहरादून जेल में रखने के बाद श्रीदेव सुमन को आगरा सेन्ट्रल जेल भेज दिया गया। यहाँ श्रीदेव सुमन को 15 महीनो के लिए नजरबन्द रखा गया।
- श्रीदेव सुमन ने 3 मई 1944 को आमरण अनसन प्रारंभ किया।
- 84 दिन की भूख हड़ताल के बाद 25 जुलाई 1944 को उनकी मृत्यु हो गयी।
हेमवती नंदन बहुगुणा-
- हेमवती नंदन बहुगुणा का जन्म 25 अप्रैल 1919 को बुघाणी गांव में हुआ था।
- हेमवती नंदन बहुगुणा दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। (8 नवम्बर, 1973 से 29 नवम्बर, 1975 तक)
- हेमवती नंदन बहुगुणा सर्वप्रथम वर्ष 1952 में विधान सभा सदस्य निर्वाचित हुए।
- पुनः वर्ष 1957 से 1969 तक तथा 1974 से 1977 तक उत्तर प्रदेश विधान सभा सदस्य बने रहे।
- 1952 में उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति सदस्य तथा 1957 से अखिल भारतीय कांग्रेस समिति सदस्य रहे।
- हेमवती नंदन बहुगुणा वर्ष 1979 में केन्द्रीय वित्त मंत्री रहे।
चंडी प्रसाद भट्ट
- जन्म – 1934
- इन्होने दशौली ग्राम स्वराज मंडल की स्थापना की , तथा चिपको आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी
- इन्हें 1982 में रेमन मैग्सेसे पुरुष्कार से सम्मानित किया गया
कल्याण सिंह रावत-
- चंडीप्रसाद भट्ट का जन्म 23 जून 1934 को गोपेश्वर गांव (जिला चमोली) में हुआ था।
- वन्य जीवो की रक्षा के लिए हिमालय वन्य जीव संस्थान की स्थापना चंडीप्रसाद भट्ट ने की थी।
- वर्ष 2013 में भारत सरकार द्वारा चंडीप्रसाद भट्ट को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- भारत सरकार द्वारा वर्ष 2004 में उन्हें पद्मभूषण पुरस्कार दिया गया।
गौरा देवी-
- गौरा देवी का जन्म 1925 में ग्राम लाता , चमोली में हुआ था।
- वृक्षों की रक्षा करने के लिए गौरा देवी ने अभियान चलाया,इसी अभियान के कारण गौरा देवी चिपको वूमन के नाम से भी जानी जाती है।
- गौरा देवी की 66 वर्ष की उम्र में 4 जुलाई 1999 को मृत्यु हो गयी।