उत्तराखंड का पिथौरागढ़ जनपद
Pithoragarh District of Uttarakhand
पिथौरागढ़ जनपद का इतिहास व भौगोलिक परिचय –
- पिथौरागढ़ का प्राचीन नाम सौर घाटी था।
- एटकिंसन के अनुसार पिथौरागढ़ की स्थापना चंद राजाओं के सामंत पीरू गुसाईं(पृथ्वी गुसाईं) ने की व यहाँ एक किले का निर्माण किया।
- पिथौरागढ़ में गोरखाओं का बनाया हुआ सिमलगढ़ का किला है जिसे अंग्रेजों ने लंदन फोर्ट नाम दिया।
- 24 फरवरी 1960 को अल्मोड़ा से अलग होकर पिथौरागढ़ को जनपद बनाया गया।
पिथौरागढ़ जनपद की भौगोलिक स्थित –
- भौगोलिक दृष्टि से पिथौरागढ़ जनपद राज्य का सबसे पूर्वी जिला है।
- पिथौरागढ़ का क्षेत्रफल – 7090वर्ग KM(क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का तीसरा सबसे बड़ा जिला)
पूर्व – नेपाल
पश्चिम – चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा
उत्तर- तिब्बत-चीन
दक्षिण-चम्पावत
- पिथौरागढ़ जनपद राज्य का सर्वाधिक अंतराष्ट्रीय सीमा वाला जनपद है।
- पिथौरागढ़ जनपद राज्य के चार जनपदों से सीमा बनाता है- चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा , चम्पावत।
- पिथौरागढ़ जनपद दो देशों से अंतराष्ट्रीय सीमा बनाता है- नेपाल व चीन(तिब्बत)।
जनसंख्या- 483439
जनघनत्व- 68
लिंगानुपात- 1020
साक्षरता दर- 82.25%
पुरूष साक्षरता- 92.75%
महिला साक्षरता- 72.29%
राष्ट्रीय राजमार्ग –
- NH 09 – रामपुर(up)-रुद्रपुर–खटीमा-टनकपुर – चम्पावत – पिथोरागढ़
- NH 309A- अल्मोड़ा – बागेश्वर – गंगोलीहाट(पिथौरागढ़)
पिथौरागढ़ जनपद के प्रमुख दर्रे –
पिथौरागढ़-तिब्बत के बीच स्थित दर्रे-
- दारमा-नवीधुरा दर्रा
- लम्पिया दर्रा
- मन्स्या दर्रा
- लिपुलेख दर्रा
- लेविधुरा
- ऊंठा जयंती दर्रा
पिथौरागढ़-चमोली के मध्य स्थित दर्रे-
- लातु धुरा
- मार्चयोक
- बाराहोती
- टोपिधुरा
पिथौरागढ़-बागेश्वर के बीच स्थित दर्रे-
1.ट्रेलपास दर्रा-
- इसको खोज कमिश्नर ट्रेल ने 1830 में की।
पिथौरागढ़-चम्पावत के बीच स्थित दर्रे-
1.लासपा दर्रा
पिथौरागढ़ में स्थित अन्य दर्रे –
1.सिनला दर्रा-
- यह दारमा व ब्यास घाटी को जोड़ता है।
पिथौरागढ़ जनपद नदी तंत्र-
काली नदी-
- काली नदी पिथौरागढ़ में स्थित लिपुलेख दर्रे के निकट कालापानी (ब्यास आश्रम) से निकलती है व भारत-नेपाल का बॉर्डर बनाते हुए आगे बढ़ती है।
- पिथौरागढ़ के बाद यह चम्पावत में प्रवेश करती है व टनकपुर में पहुंच जाती है यहां से इसे आगे शारदा के नाम से भी जाना जाता है यहां से आगे बढ़ते हुए
- काली नदी बनबसा बैराज में पहुंचती है यहां से काली नदी दो नहरों के रूप में निकलती है- शारदा नहर व महाकाली नहर।
- उद्गम स्थल से बनबसा बैराज तक काली नदी की लंबाई-252Km
- काली नदी उत्तराखंड की सबसे लंबी नदी है।
- काली नदी को उत्तराखंड की सबसे अपवित्र नदी भी माना जाता है।
काली नदी की सहायक नदियां-
1.कुठियांगटी-
- यह काली नदी की प्रथम सहायक नदी है।
- उद्गम- जैंक्सर श्रेणी के पश्चिमी ढाल से।
- संगम- गूंजी नामक स्थान पर काली नदी से।
- सहायक नदियां- सागचुमना, थुमका,निरकुट।
2.पूर्वी धौलीगंगा-
- पूर्वी धौलीगंगा दो शाखाओं के रूप में निकलती है-लिस्सर व दारमा इन दोनों नदी का उद्गम गोवानखना हिमनद से होता है व तेजांग(छोटा कैलास) में संगम करती है व आगे पूर्वी धौलीगंगा के नाम से जानी जाती है।
- पूर्वी धौलीगंगा का काली नदी में संगम- खेला(तवाघाट)
- पूर्वी धौलीगंगा की लंबाई- 91Km
3.गौरीगंगा-
- उद्गम- मिलम ग्लेशियर
- संगम- जौलजीवी नामक स्थान पर काली नदी में
- गौरीगंगा दो नदियों से मिलकर बनती है- गोरी व रालम(शुनकल्पा)
- गौरीगंगा के लम्बाई- 104Km
- सहायक नदी- रमलगाड़, मदकानी, गोनखागाड़
4.पूर्वी रामगंगा-
- उद्गम- पेंटिंग व नामिक ग्लेशियर से
- संगम – रामेश्वर तीर्थ में सरयू नदी से संगम करती है।
पिथौरागढ़ की प्रमुख जल विद्युत परियोजना –
- करमोली लुमती तल्ली जल विद्युत परियोजना – गंगा
- चुंगर चाल परियोजना – पूर्वी धौलीगंगा
- रशिया बगड़ परियोजना-गौरी गंगा
- छिरकिला परियोजना- पूर्वी धौलीगंगा
- बोकांग बेलिंग परियोजना – पूर्वी धौलीगंगा
- गरबा तवाघाट परियोजना- काली नदी
- धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना-पूर्वी धौलीगंगा
पिथौरागढ़ में स्थित हिमनद (ग्लेशियर)-
- काली हिमनद
- मिलम ग्लेशियर
- नामिक ग्लेशियर
- हीरामणि ग्लेशियर
- पेंटिंग ग्लेशियर
- पिनोरा ग्लेशियर
- रालम ग्लेशियर
- लसार हिमनद
पिथौरागढ़ जनपद में स्थित कुंड –
- थमरी कुंड
- महेश्वर कुंड
- पार्वती कुंड
- मैसर कुंड
पिथौरागढ़ जनपद में स्थित जलप्रपात –
- बिर्थी जल प्रपात
- मुनस्यारी जलप्रपात
- हरकोटा जलप्रपात
- भुरमुनी जलप्रपात
- भेलछडा जलप्रपात
- तुनखोला जलप्रपात
पिथौरागढ़ जनपद में प्रमुख पर्यटक –
मुनस्यारी –
- मुनस्यारी को जोहार क्षेत्र का प्रवेश द्वार कहा जाता है। (पिथौरागढ़ से 165 किलोमीटर दूर)
- मुनस्यारी का प्राचीन नाम तिकसेन था मुनि का सेरा अथवा तपस्वियों का स्थल होने के कारण नाम मुनस्यारी पड़ा।
- मुनस्यारी में नैन सिंह रावत पर्वतारोहण संस्थान स्थित है।
- मुनस्यारी में देवी काली को समर्पित कालामुनि मंदिर स्थित है यह कालामुनि टॉप स्थल पर स्थित है।
डीडीहाट –
- डीडीहाट पिथौरागढ़ जनपद की तहसील है।
- डीडीहाट सीरा क्षेत्र में बसा हुआ है।
- डीडीहाट में सीराकोट मंदिर व सीराकोट किला स्थित है।
- डीडीहाट का नाम कुमाऊनी शब्द डंड से लिया गया है जिसका मतलब एक छोटी सी पहाड़ी है व हाट का मतलब बाजार से है।
गंगोलीहाट –
- गंगोलीहाट पिथौरागढ़ का एक पर्वतीय शहर है।
- गंगोलीहाट सरयू व रामगंगा नदियों से घिरा हुआ है।
- गंगोलीहाट में हाट कलिका मंदिर (देवी काली) स्थित है।
- हाट कलिका देवी सेना के जवानों की रक्षक मानी जाती है।
पाताल भुवनेश्वर गुफा –
- पाताल भुवनेश्वर गुफा गंगोलीहाट में स्थित है।
- पाताल भुवनेश्वर गुफा में एक मंदिर है जिसे पाताल भुवनेश्वर मंदिर कहते हैं इस मंदिर में सूर्य, विष्णु, महेश, उमा आदि की प्राचीन मूर्तियां है।
अस्कोट –
- यह कत्यूरी राजाओं की राजधानी थी।
- यहां कस्तूरी मृग संरक्षण केंद्र अस्कोट वन्य जीव विहार स्थित है जिसकी स्थापना 1986 में की गई।
पिथौरागढ़ जनपद में प्रमुख मन्दिर –
1. हटकलिका मंदिर –
- यह मंदिर मां काली को समर्पित है।
2. पाताल भुवनेश्वर मंदिर –
- यह मंदिर गंगोलीहाट में पाताल भुवनेश्वर गुफा में स्थित है।
- इस गुफा की खोज आदि गुरु शंकराचार्य ने की।
3.बेरीनाग (बीनाग) मंदिर –
- पिथौरागढ़ में स्थित यह मंदिर नाग देवता का प्रसिद्ध मंदिर है।
4. छिपलाकेदार मंदिर-
- पिथौरागढ़ के धारचूला तहसील के बरम क्षेत्र में स्थित है।
5.थल केदार मंदिर-
- पिथौरागढ़ से 16 किलोमीटर दूर शिव भगवान को समर्पित है ।
- मानस खंड में विवरण है कि सरयू और श्यामा (काली) नदियों के बीच स्थल केदार नाम से महादेव विराजमान है।
6.असुर चुला मन्दिर –
- पिथौरागढ़ की सोरघाटी में असुरचूल नाम की पहाड़ी पर स्थित है।
7.कोटली का विष्णु मंदिर –
- इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी हुआ था।
8.मोस्टमानू मन्दिर –
- यह मंदिर पिथौरागढ़ से 6 km दूर स्थित है।
9..मढ़ का सूर्य मंदिर –
- यह पिथौरागढ़ में स्थित है।
10. मां कोकिला (कोटगाड़ी) मंदिर –
- यह मंदिर पिथौरागढ़ जनपद में स्थित चौकोड़ी के करीब कोटमन्या मार्ग से 17 किलोमीटर की दूरी पर कोटगाड़ी नाम के एक गांव में स्थित है।
11 .जयंती मंदिर (ध्वज मंदिर)
12. देवल समेत मन्दिर
13.चौमू देवता मन्दिर
पिथौरागढ़ जनपद के प्रमुख मेले –
1.जौलजीवी मेला-
- यह मेला पिथौरागढ़ जनपद में लगता है।
- यह मेला प्रतिवर्ष 14-19 नवम्बर को काली एवं गोरी नदी के संगम स्थल पर लगता है।
- जौलजीवी मेले की शुरुआत सर्वप्रथम 1914 में हुई।
- जौलजीवी मेले को प्रारम्भ करने का श्रेय गजेंद्र बहादुर को जाता है।
2.थल मेला-
- यह मेला पिथौरागढ़ जनपद के बालेश्वर थल मन्दिर में बैशाखी के दिन लगता है।
- इस मेले की शुरुआत 13 अप्रैल 1940 को जलियांवाला बाग दिवस मनाये जाने के बाद हुई
- प्रारम्भ में यह मेला 20 दिन तक चलता था।
3. बौराड़ी मेला-
- यह मेला पिथौरागढ़ जनपद के बौराड़ी नामक स्थान पर सैम देवता के मंदिर में लगता है।
- यह मेला दीपावली के 15 दिन बाद शुरू होता है।
4.मोस्टमानू मेला –
- यह मेला भगवान मोस्टमानू के मंदिर में लगता है
5.हाटकालिका मेला –
- यह मेला पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में लगता है।
6.रामेश्वर मेला-
- यह मेला पिथौरागढ़ में सरयु व रामगंगा के संगम स्थल रामेश्वर तीर्थ में लगता है।
7.कंडाली उत्सव-
- यह उत्सव प्रत्येक 12 वर्ष में आयोजित किया जाता है।
पिथौरागढ़ जनपद की प्रमुख यात्राएं –
1.कैलास मानसरोवर यात्रा-
- कैलास मानसरोवर यात्रा प्रतिवर्ष जून से सितम्बर तक चलती है।
- कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन भारतीय विदेश मंत्रालय, कुमाऊँ मण्डल विकास निगम व भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के सहयोग से पूरी होती है।
- यह यात्रा लगभग 40 दिनों तक चलती है जो अल्मोड़ा से कौसानी, डीडीहाट होते हुए धारचूला व धारचूला से तवाघाट उसके बाद लिपुलेख दर्रे से तिब्बत प्रवेश करती है।
- कैलाश पर्वत तिब्बत में स्थित है जिसके पश्चिम में मानसरोवर झील तथा दक्षिण में राक्षस ताल है।
- कैलाश पर्वत को गणपर्वत और रजतगिरी भी कहा जाता है।
2.हिलजात्रा-
- यह जात्रा पिथौरागढ़ की सौरघाटी में कुमैड़ एवं बजेटी गांव में मुख्यतः आयोजित की जाती है।
- इस यात्रा में बैला का मुखोटा पहने ब्यक्ति अभिनय करते हैं जिसे मुखोटा नृत्य कहते हैं।
- इस महोत्सव में लखिया भूत आकर्षण का केंद्र होता है।
- नेपाल में हिलजात्रा कक इन्द्रजात्रा के रूप में मनाया जाता है।
पिथौरागढ़ जनपद का प्रशासनिक ढांचा –
विधानसभा सीट-
- डीडीहाट
- धारचूला
- पिथौरागढ़
- गंगोलीहाट(Sc)
तहसील-
- बेरीनाग
- थल
- तेजम
- पिथौरागढ़
- कनालीछीना
- मुनस्यारी
- देवल
- बंगापानी
- धारचूला
- गणाई-गंगोली
- गंगोलीहाट
- डीडीहाट
विकासखण्ड-
- डीडीहाट
- कनालीछीना
- मुनस्यारी
- मुनाकोट
- बेरीनाग
- धारचूला
- गंगोलीहाट
- पिथौरागढ़