उत्तराखंड का नैनीताल जनपद


Nainital district of Uttarakhand


नैनीताल जनपद का इतिहास व भौगोलिक स्थित –

नैनीताल जनपद का इतिहास-

  • स्कंद पुराण के मानसखण्ड में नैनीताल को त्रि-ऋषि सरोवर कहा गया है।
  • नैनीताल की खोज 1841 में पी बैरन ने की जो कि एक व्यापारी था।

नोट- पी बैरन ने माना है कि उससे पहले नैनीताल की खोज कमिश्नर जार्ज विलियम ट्रेल ने की थी लेकिन ट्रेल ने अपनी इस यात्रा का विवरण नहीं दिया)

  • बैरन जब नैनीताल पहुंचा तो उस समय इस क्षेत्र का थोकदार नूर सिंह था।
  • नैनीताल को झीलों की नगरी या सरोवर नगरी कहा जाता है।
  • नैनीताल में टिफिन टॉप नामक पर्यटक स्थल स्थिति है।
  • नैनीताल को प्राचीन में छःखाता(सात झीलें) के नाम से जाना जाता था।
  • 1854 में नैनीताल को कुमाऊँ कमिश्नरी का मुख्यालय बनाया गया।
  • 1862 में नैनीताल को उत्तरी-पश्चिमी प्रान्त की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया।
  • 1891 को नैनीताल जिले का गठन हुआ।

जनसंख्या- 9,54,605
जनघनत्व-225
लिंगानुपात- 934
साक्षरता दर- 83.88%
पुरुष साक्षरता- 90.07%
महिला साक्षरता दर- 77.29%

नैनीताल जनपद की भौगोलिक स्थित –

  • क्षेत्रफल- 4251 वर्ग Km
  • पूर्व- चम्पावत
  • पश्चिम- उत्तर प्रदेश
  • उत्तर- अल्मोड़ा
  • दक्षिण- उधम सिंह नगर
  • नैनीताल जनपद राज्य के चार जनपदों से सीमा बनाता है- पौड़ी, अल्मोड़ा, चम्पावत, उधम सिंह नगर
  • नैनीताल जनपद उत्तरप्रदेश से भी सीमा बनाता है।

राष्ट्रीय राजमार्ग-

  • NH 109- रुद्रपुर-हल्द्वानी-नैनीताल-रानीखेत-गैरसैण
  • NH 309- रुद्रपुर-काशीपुर-रामनगर-थलीसैंण

नैनीताल जनपद का नदी तंत्र –

1.ढेला नदी

2.कोसी नदी-

  • उद्गम- कौसानी(बागेश्वर)
  • बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल व ऊ०सि०न० से होकर 168 Km बहने के पश्चात सुलतानपुर में रामगंगा से मिल जाती है।

3.दाबका नदी-

  • उद्गम- नैनीताल जिले के गरमपानी नामक स्थान से
  • राज्य से बाहर निकलती है- बाजपुर(ऊ०सि०न०) से

4.बाकरा नदी-

  • उद्गम- नैनीताल
  • राज्य से बाहर निकलती है- खानपुर(ऊ०सि०न०)

5.बउर नदी- 

  • उद्गम- नैनीताल के कालाढूंगी रेंज से

6.गोला नदी-

  • उद्गम- नैनीताल के पहाड़पानी से
  • नैनीताल व ऊ०सि०न० में 102 Km बहने के बाद किच्छा के पास राज्य से बाहर निकलती है।

नैनीताल की प्रमुख झील/ताल-

1.नैनीताल(नैनीझील)-

  • लम्बाई- 1430m
  • चौड़ाई- 465m
  • गहराई-16-26m
  • नैनीताल को स्कंद पुराण में त्रि-ऋषि सरोवर कहा गया है। नैनीताल सात पहाड़ियों से घिरा है-  चीना पीक(नैना पीक) , देव पात, आलमसरिया कांटा, हाड़ीवादी, शेर का डांडा, आयरपात, स्नोब्यू) इन पहाड़ियों में सबसे ऊंची चीना पीक है।
  • नैनीताल के मध्य में एक टापू(चटान) है जिसके उत्तरी भाग को मल्लितला व दक्षिणी भाग को तल्लीतला कहा जाता है।

2.भीम ताल-

  • लम्बाई- 1674m
  • चौड़ाई-447m
  • गहराई-26m
  • भीमताल कुमाँऊ क्षेत्र की सबसे बड़ी झील है।
  • भीमताल के निकट भीमेश्वर महादेव मंदिर है।

3. नोकुछिया ताल-

  • लम्बाई- 950m
  • चौड़ाई-680m
  • गहराई-40m
  • नोकुछिया ताल कुमाँऊ की सबसे गहरी झील है।
  • इस झील के नो कोने हैं इसलिये इसे नोकुछिया ताल कहा जाता है।

4. सातताल-

  • सातताल सात तालों का समूह है जिनमें वर्तमान में कई ताले सूख गयी हैं।

नल-दमयंती ताल

गरुड़ ताल

पूर्ण ताल

सूखा ताल

लक्ष्मण ताल

राम ताल

सीता ताल

नल दमयंती ताल-

  • इस ताल के पांच कोने हैं।
  • पौराणिक कथा के अनुसार राजा नल व उनकी पत्नी ने यहां पर वास किया था।
  • पोराणिक मान्यताओं के कारण इस ताल में मछलियां नही पकड़ते हैं।

गरुड़ ताल-

  • स्थानीय लोगों की मान्यताओं के अनुसार इस झील के पास पांडवो ने वनवास के दौरान वास किया था।
  • द्रोपदी ने यहाँ पर अपनी रसोई बनायी थी।
  • द्रोपदी द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला सिलबट्टा आज भी यहां मौजूद है।

राम-लक्ष्मण-सीता ताल-

  • ये तीनों ताल एक साथ जुड़े हुए हैं ।
  • यहां पर राम-लक्ष्मण-सीता ने वास किया था।
  • पांडवो ने भी यहां पर वास किया था व माना जाता है कि भीम ने हिडिम्ब राक्षस का वध यहां पर किया था।

सूखा व पूर्ण ताल-

  • इस ताल का अस्तित्व लगभग समाप्त हो चुका है।

5. खुरपाताल-

  • खुरपाताल नैनीताल से 12Km दूर नैनीताल-कालाढूंगी मार्ग पर स्थित है।
  • इस झील का आकार जानवर के खुर के समान है इसलिये इसे खुरपाताल कहा जाता है।

नैनीताल में स्थित जलप्रपात – 

  1. कार्बेट जल प्रपात
  2. वुडलैंड जलप्रपात
  3. भालुगढ़ जलप्रपात
  4. बाराती रो
  5. पदमपुरी जलप्रपात
  6. ढोकानी जलप्रपात

नैनीताल जनपद के प्रमुख स्थल –

1.हल्द्वानी- 

  • हल्द्वानी का प्राचीन नाम बमोरी था, हल्दू पेड़ो की अधिकता के कारण यहाँ का नाम हल्द्वानी पड़ा।
  • हल्द्वानी गोला नदी के तट पर स्थित है।
  • हल्द्वानी कुमाऊँ का सबसे बड़ा नगर है व देहरादून तथा हरिद्वार के बाद राज्य का तीसरा सबसे बड़ा नगर है।
  • हल्द्वानी को 1834 में विलियम ट्रेल ने बसाया था।
  • हल्द्वानी राज्य का सबसे बड़ा ब्यापारिक नगर है।
  • 24 अप्रैल 1884 को लखनऊ से हल्द्वानी पहली रेलगाड़ी पहुंची।
  • 1966 को हल्द्वानी नगरपालिका बना व वर्ष 2011 में नगर निगम बनाया गया।

2.काठगोदाम- 

  • काठगोदाम कुमाऊँ का प्रवेश द्वार कहा जाता है।
  • काठगोदाम का अर्थ- काठ(लकड़ी) का गोदाम
  • काठगोदाम रेलवे स्टेशन 1884 में शुरू हुआ व 1894 में काठगोदाम में रेलवे की बड़ी लाइन बनाई गयी।
  • काठगोदाम को पहले चौहान पाटा के नाम से जाना जाता था।
  • चंद शासन काल में काठगोदाम को बाड़ाखोड़ी या बाड़ाखेड़ीब नाम से जाना जाता था।

3.भुवाली(भवाली)-

  • भुवाली पर्वतीय फल बाजार के रूप में प्रसिद्ध है।
  • भुवाली में 1912 में टी•बी सैनिटोरियम अस्पताल की स्थापना की गयी।
  • उत्तराखंड न्यायिक व विधिक अकादमी भवाली में स्थित है।

4.रामगढ़- 

  • रामगढ़ को कुमाऊँ का फलों का कटोरा(Fruit bowl of kumaon) कहा जाता है।
  • टैगोर टॉप नामक स्थल रामगढ़ में स्थित है।
  • आचार्य नरेंद्र देव ने रामगढ़ में ही बौद्ध दर्शन नामक ग्रन्थ की रचना की थी।
  • रामगढ़ में महादेवी वर्मा संग्रहालय स्थित है।
  • रामगढ़ में गागर नामक पर्यटक स्थल है।

5.रामनगर- 

  • यह स्थल कोसी नदी के तट पर स्थित है।
  • रामनगर को कमिश्नर रैमजे ने बसाया था।
  • महाभारतकाल में रामनगर का नाम’अहचतु’ था।
  • रामनगर में प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर स्थित है।
  • कार्बेट नेशनल पार्क का प्रवेश द्वार ढिकाला रामनगर में स्थित है।

6.कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान –

  • स्थापना:- 1936
  • स्थित- पोड़ी व नैनीताल
  • क्षेत्रफल:- 520.82 वर्ग KM
  • यह राष्ट्रीय उद्यान 1936 मैं हेली राष्ट्रीय उद्यान के नाम से स्थापित हुआ।
  • स्वंतंत्रता के बाद इस पार्क का नाम रामगंगा नेशनल पार्क व 1957 में पुनः बदलकर इसका नाम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान रखा गया।
  • यह उद्यान भारत का ही नहीं बल्कि एशिया का भी प्रथम राष्ट्रीय उद्यान है।
  • इस पार्क का प्रवेश द्वार नैनीताल जनपद के ढिकाला(रामनगर) में है।
  • 1 अप्रैल 1973 को भारत में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत इसी पार्क से हुई।
  • कार्बेट नेशनल पार्क भारत का पहला प्रोजेक्ट टाइगर (बाघ संरक्षित) पार्क घोषित किया गया।
  • प्रमुख जीव- बाघ, हाथी, तेंदुआ, हिरन, सांभर, मगरमच्छ, आदि।

7. ज्योलिकोट हिल स्टेशन- 

  • ज्योलिकोट हिल स्टेशन को नैनी झील का गेटवे कहा जाता है।

नैनीताल जनपद के प्रमुख मंदिर-  

1.शीतला माता मंदिर- 

  • यह मंदिर नैनीताल जनपद के हल्द्वानी शहर के काठगोदाम नामक स्थान में स्थित है।
  • स्कंद पुराण में माता शीतला को वाहन गर्दभ कहा गया है।

2.कैंची धाम- 

  • यह मंदिर नैनीताल जनपद के भवाली में स्थित है।
  • कैंची धाम में बाबा नीम करौली महाराज का मंदिर है।
  • बाबा नीम करौली इस स्थान पर 1962 में आये थे।
  • 15 जून 1964 को इस मंदिर की स्थापना की गयी थी।
  • प्रतिवर्ष 15 जून को इस मंदिर में स्थापना दिवस मनाया जाता है।

3.गोलू देवता मंदिर घोड़ाखाल-

  • यह मंदिर नैनीताल जनपद के भवाली में स्थित है।
  • गोलू देवता को उत्तराखंड में न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है।

4.नैना देवी मंदिर- 

  • यह मंदिर नैनीताल में नैनीझील के किनारे मल्लीताल के पास स्थित है।
  • इसकी स्थापना 1842 में की गयी थी।
  • इस मंदिर में माता सती के नयन(आंख) गिरी थी, इसलिए यहाँ पर माता सती का शक्तिपीठ  स्थापित हुआ।

5.कालीचोड़ मंदिर- 

  • यह मंदिर नैनीताल जनपद के हल्द्वानी शहर के काठगोदाम से 6km दूर गौलापार नामक स्थान पर है ।
  • यह मंदिर माँ काली को समर्पित है

6.मुक्तेश्वर महादेव मंदिर- 

  • यह मंदिर नैनीताल जनपद के मुक्तेश्वर में स्थित है।

7.गांधी मंदिर- 

  • यह मंदिर नैनीताल के ताकुला गॉव में स्थित हैमुक्तेश्वर में स्थित है।

8.नैनीताल का मैथोडिस्ट चर्च- 

  • यह भारत व एशिया का पहला मैथोडिस्ट चर्च हैमुक्तेश्वर में स्थित है।
  • 1858 में विलियम बटलर ने कमिश्नर हेनरी रैमजे की मदद से इसकी स्थापना की गयी थी।

9.पाषाण देवी मंदिर

नैनीताल जनपद के प्रमुख मेले –

1.हरियाली मेला-

  • यह मेला नैनीताल जनपद के भीमताल में श्रावण संक्रांति के दिन लगता है।

2.सीतावनी मेला-  

  • यह मेला नैनीताल जनपद के रामनगर में 22 km दूर सीतावनी मन्दिर में लगता है
  • सीतावनी मन्दिर माता सीता को समर्पित है।

3.जियारानी का मेला-

  • यह मेला नैनीताल के रानीबाग में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।

नैनीताल जनपद का प्रशासनिक ढांचा –

विधानसभा सीट- 

  1. भीमताल
  2. हल्द्वानी
  3. कालाढूंगी
  4. रामनगर
  5. लालकुआं
  6. नैनीताल(Sc)

तहसील- 

  1. नैनीताल
  2. हल्द्वानी
  3. रामनगर
  4. कालाढूंगी
  5. बेतालघाट
  6. ओखलाकांडा
  7. लालकुआं
  8. कुश्या कटौली
  9. धारी

विकासखंड- 

  1. ओखलाकांडा
  2. रामनगर
  3. हल्द्वानी
  4. कोटाबाग
  5. रामगढ़
  6. भीमताल
  7. बेतालघाट
  8. धारी

 

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