मातृ दिवस(MOTHER’S DAY)
माँ के सम्मान में मदर्स डे मनाया जाता है।भारत समेत पूरा विश्व इस डे को बड़ी धूमधाम के साथ मनाता है।माँ के लिए अपना प्यार और दुलार को दिखाया जाता है जो आमतौर पर बहुत से लोग नहीं दिखा पाते।माँ जो जीवन की पहली अध्यापक होती है,जो हर कदम में हमेशा आपके साथ होती है।माँ ही एक एसी महिला है जो ज़िन्दगी में कभी भी छुट्टी नहीं लेती।माँ की ममता जिसको मिले वो दुनिया का सबसे खुश व्यक्ति है।
मदर्स डे इतिहास-
माना जाता है की मातृ पूजा का रिवाज़ पुराने ग्रीस से उत्पन्न हुआ था।स्य्बेले ग्रीक देवताओं की मां थीं,जिनकी ग्रीस के लोग पूजा करा करते थे।मातृ दिवस उन्ही के सम्मान में मनाया जाता है।इस दिन को रोम में वसंत विषुव(Spring Equinox) के आस-पास 15 मार्च से 18 मार्च तक मनाया जाता था।इस दिन प्राचीन रोमवासी एक दिन की छुट्टी लेते थे,जो जूनो को समर्पित हुआ करती थी।इस छुट्टी का नाम मेट्रोनालिया था।यह दिन माताओं के साथ मनाया जाता था और उन्हें उपहार दिए जाते थे।ब्रिटेन और यूरोप में एक विशेष रविवार को माताओं के सम्मान में यह दिन मनाया जाता था।इस रविवार को मदरिंग सन्डे कहा जाता था।
जुलिया वार्ड होवे द्वारा सर्वप्रथम अमेरिका में मदर्स डे मनाया गया था।एना जार्विस ने पहली बार 20वीं शताब्दी में 1912 में अमेरिका में मनाया गया था।एना जार्विस ने मई महीने के दुसरे रविवार को मनाया था और इसे “मदर डे” के नाम दिया गया।8 मई 1914को अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन मदर्स डे को मई के दुसरे रविवार को मनाने के रस्ताव पर हस्ताक्षर किया था।
मदर्स डे इन इंडिया-
भारत में मदर्स डे मई के दुसरे रविवार को मनाया जाता है।