कुमाऊं का सबसे बड़ा ताल भीमताल उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है।
भीमताल की लम्बाई 1674 मीटर है।
भीमताल की चौड़ाई 447 मीटर है।
भीमताल की गहराई 26 मीटर है।
नैनीताल-
स्कन्दपुराण में नैनीताल को ‘त्रि-ऋषि सरोवर’ कहा गया है।
नैनीताल सरोवर नगरी तथा झीलों की नगरी के नाम से भी जानी जाती है।
नैनीताल झील के चारों ओर ऊँचे-ऊँचे सात पहाडो से घिरी हुई है। जो की “नैना पीक,शेर का डांडा , आयरपात , देवपात , हाड़ीवादी , स्नो व्यू , आलमसरिया काँटा” से घिरी हुई है।
नैनीताल की लम्बाई 1430 मीटर है।
नैनीताल की चौड़ाई 465 मीटर है।
नैनीताल की गहराई 16-26 मीटर है।
सातताल-
सातताल झील कुमाऊं क्षेत्र की सबसे सुंदर झील में से एक है।
यह झील नैनीताल से 22 किमी तथा भीमताल से 4 किमी दूरी पर स्थित है।
इस क्षेत्र में पहले 7 झीलें थी, जिसमे से वर्तमान समय में कई सुख झीलें गई है। इन झीलें में नल दमयंती ताल, गरुड या पन्ना ताल, पूर्ण ताल, लक्ष्मण ताल व राम-सीता ताल प्रमुख है।
नल दमयंती ताल से मछलियाँ नहीं पकड़ी जाती है क्युकी इस ताल की आकृति अश्व खुर के समान है।
सातताल की लम्बाई 3000 मीटर है।
सातताल की चौड़ाई200 मीटर है।
सातताल की गहराई 19 मीटर है।
खुरपाताल-
खुरपाताल कालाढूंगी व नैनीताल मार्ग पर स्थित है।
यह ताल नैनीताल से 12 किमी की दूरी पर स्थित है।
खुरपाताल तीनों ओर से पहाड़ियों से घिरी हुई है।
खुरपाताल का आकार जानवर के खुर (पैर) के समान है।इसीलिए इसको खुर्पाताल भी कहा जाता है।
खुरपाताल की लम्बाई 1633 मीटर है।
खुरपाताल की चौड़ाई 5000 मीटर है।
समुद्रतल से ऊंचाई लगभग 1635 मीटर है।
नौकुचियाताल-
कुमाऊं क्षेत्र की सबसे गहरी ताल नौकुचियाताल है।
नौकुचियाताल की लम्बाई 950 मीटर है।
नौकुचियाताल की चौड़ाई 680 मीटर है।
नौकुचियाताल की गहराई 40 मीटर है।
9 कोनों होने के कारण इस ताल को नौकुचियाताल कहा जाता है।
भीमताल से 5 किमी तथा नैनीताल से 26 किमी की दूरी पर नौकुचियाताल नैनीताल जिले में स्थित है।
द्रोण सागर-
द्रोण सागर काशीपुर (उधम सिंह नगर) से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
द्रोण सागर के पास गुरु द्रोण ने अपने शिष्यों को धनुर्विद्या की शिक्षा दी थी।
झिलमिल ताल-
झिलमिल ताल टनकपुर (चंपावत) से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
झिलमिल ताल का आकार गोलाकार तथा ताल की परिधि लगभग 2 किलोमीटर है।
गिरि ताल-
गिरी ताल उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर में है।
चामुंडा, संतोषीमाता, नागनाथ व मनसा देवी के मंदिर भी यहां पर हैं।
श्याम ताल-
चम्पावत जिले में श्यामला ताल हैं।
श्यामला ताल की परिधि 2 किलोमीटर है।
श्यामला ताल में सफेद कमल फूल मिलते है।
विवेकानंद आश्रम श्यामला ताल के किनारे पर स्थित है।
श्यामला ताल का झूला मेला प्रसिद्ध है।
तड़ाग ताल-
अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया से 10 किमी की दूरी पर तड़ाग ताल स्थित है।
पानी की निकासी के लिए इस ताल के निचले भाग में पांच सुरंगे बनी है, जिसमे से तीन सुरंगे अब बंद हो चुकी है।
तड़ाग ताल 1 किलोमीटर लंबा तथा आधा किलो मीटर चौड़ा है।
सुकुन्डा ताल-
सुकुन्डा ताल बागेश्वर जिले में स्थित है।
मलवाताल-
मलवाताल नैनीताल जिले में स्थित है।
हरिशताल-
हरिशताल नैनीताल जिले में स्थित है।
इसे हत्यारी ताल के नाम से भी जाना जाता है।
सड़ियाताल-
सड़ियाताल नैनीताल जिले में स्थित है।
सूखाताल-
सूखाताल नैनीताल जिले में स्थित है।
गढ़वाल की प्रमुख झीलें एवं ताल-
सहस्त्र ताल-
सहस्त्र ताल गढ़वाल की सबसे बड़ी और गहरी ताल है।
सहस्त्र ताल कई तालों का समूह है।
घुत्तु (टिहरी गढ़वाल ) में लगभग 1530 मीटर की ऊंचाई में यह ताल स्थित है।
महासरताल-
महासरताल टिहरी गढ़वाल जनपद पर स्थित है।
बालगंगा घाटी में स्थित यह झील दो कटोरेनुमा तालों से निर्मित है।
महासर ताल को भाई-बहनों के ताल के नाम से भी जाना जाता है।
यम ताल-
सहस्त्र ताल के समीप यम ताल टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित है।
यह क्षेत्र सदैव बर्फ से ढका रहता है।
बासुकीताल-
टिहरी गढ़वाल जनपद में बासुकीताल स्थित है।
बासुकीताल लाल पानी वाला यह अनूठा ताल है।
बासुकीताल की ऊंचाई 4150 मीटर है।
बासुकीताल नीले रंग के कमल के लिए प्रसिद्ध है।
हेमकुंड-
चमोली जिले में हेमकुण्ड स्थित है।
सिक्खों के दसवें गुरु गोविन्द सिंह इसी झील के किनारे तपस्या की थी।
इसी झील के किनारे एक प्रसिद्ध गुरुद्वारा हेमकुण्ड साहिब है।
लोकपाल झील के नाम से भी हेमकुण्ड झील को जाना जाता है।
अलकनंदा की सहायक नदी लक्ष्मण गंगा हेमकुण्ड से निकलती है।
रूपकुण्ड-
रूपकुण्ड धराली विकासखंड (चमोली जिले) के बेदनी बुग्याल में स्थित है।
मान्यता के अनुसार इस ताल का निर्माण शिव पार्वती ने कैलाश जाते समय किया था।
ताल के समीप नर कंकाल पाए जाते है इसलिए यह कंकाली ताल नाम से भी जानी जाती है। माना जाता है की ये सारे कंकाल यहाँ के राजा यशधवल और रानी बल्पा और उनके सैनिकों के है।
त्रिशूली और नंदाघुघटी की पहाड़ियां यहां से दिखाई देती है।
मंसूर ताल-
टिहरी गढ़वाल जिले में खतलिंग ग्लेशियर के समीप मंसूर ताल स्थित है।
दूध गंगा नदी का उद्गम स्थल यही से है।
मंसूर ताल की परिधि 3 किलोमीटर की है।
मंसूर ताल 16,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
शरवदी ताल-
शरवदी ताल रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है।
शरवदी ताल में 1948 में महात्मा गाँधी की अस्थियाँ प्रवाहित की गयी थी,इसलिए इसे गांधी सरोवर भी कहा जाता है।
शरवदी ताल को चौरा बाड़ी ताल नाम से भी जानी जाती है।
नचिकेता ताल-
उत्तरकाशी जनपद से 32 किलोमीटर दूर घने जंगल में नचिकेता ताल स्थित है।
फाचकंडी या बयांताल-
फाचकंडी उत्तरकाशी जिले में स्थित है।
फाचकंडी झील का जल उबलता रहता है।
भेंक ताल-
अण्डाकार आकार की यह ताल रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है।
लिंगाताल-
चमोली जिले में फूलों की घाटी के मध्य में लिंगाताल स्थित है।
बेनिताल-
बेनिताल चमोली जिले में स्थित है।
नंदा देवी मंदिर बेनिताल के निकट है।
अप्सराताल-
अछरी ताल नाम से भी जाना जाने वाली यह ताल टिहरी के समीप स्थित है।