उत्तराखंड की कोल जनजाति
Kol Tribe of Uttarakhand
कोल जनजाति के अन्य नाम –
- कोली
- मुंड
- पुनकर
- दस्यु
- कौल
- शबर
कोल जनजाति की जानकारी के स्रोत –
- मोहन जोदड़ो शिलालेख।
- श्री बचूभाई पीताम्बर क्न्वेद की पुस्तक ” कोलीय काबिले का इतिहास “।
धर्म –
- कोल जनजाति का धर्म हिन्दू धर्म को मानते थे।
- कोल जनजाति के लोग भगवान् शिव की पूजा-अर्चना करते थे।
- कोल जनजाति के लोग जगार भी लगाया करते थे।
- कोल जनजाति के लोग बलि प्रथा में काफी विश्वास करते थे।
- ये लोग जादू – टोने किया करते थे।
- इसके अलावा कोल जनजाति के लोग लिंग की पूजा तथा नाग पूजा भी किया करते थे।
भाषा –
- मुंड
नृत्य –
- कोलायाचा
मुख्य व्यव्साय –
- कोल जनजाति का मुख्य व्यव्साय कृषि था।
मनोरंजन के साधन –
- नृत्य
- संगीत
- मदिरा पान
औज़ार-
- कोल जनजाति के लोग लकड़ी और पत्थरों से बने औज़ारो का उपयोग करते थे।
कोल जनजाति से सम्बंधित कुछ अन्य जानकारी-
- कोल जनजाति के नाम पर कोलाबा शहर बसा है।
- कोल जनजाति में कोलों के मृत शरीर को खुले में छोड़ने की प्रथा प्रचलित थी।
- यह जनजाति सबसे महनती जनजातियो में से एक मानी जाती थी।
- कोल जनजाति के लोग छोटी कद-काठी व् क्रूर स्वभाव के होते थे।
- किरात जनजाति ने इनका अंत करा था।