• 1847 में थॉमस कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग ( रुड़की) स्थापना की गई।
  • 1868 में जसपुर से उत्तराखंड का हिंदी भाषा का प्रथम समाचार पत्र ‘समय विनोद’ का प्रकाशन शुरू हुआ हालांकि उत्तराखंड का प्रथम समाचार पत्र जोन मैकीनन द्वारा 1842 मे ‘द हेल्थ’ प्रकाशित किया गया था।
  • 1817 में अल्मोड़ा में डिवेटी क्लब की स्थापना की गई।
  • 1871 में  डिवेटी क्लब द्वारा अल्मोड़ा अखबार का प्रकाशन किया गया। अल्मोड़ा अखबार क्षेत्रीय भाषा का प्रथम अखबार था। इसके प्रथम संपादक बुद्धि पंथ थे।
  • 1882 में  हल्द्वानी- नैनीताल सड़क मार्ग का निर्माण किया गया।
  • 1882-1884 मे बरेली- काठगोदाम तक रेल व्यवस्था प्रारंभ की गयी  तथा 1884 मे हल्द्वानी में प्रथम रेल आई।
  • 1886 में कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में उत्तराखंड से ज्वाला दत्त जोशी ने भाग लिया।
  • 1878 में  समय विनोद का प्रकाशन बंद हुआ।
  • 1890 में स्वामी विवेकानंद चार धाम यात्रा हेतु पहली बार उत्तराखंड आए। इसके पश्चात 1897 मे कैप्टन सर्वियर के साथ अल्मोड़ा आए।
  • 1898 में विवेकानंद चंपावत गए तथा मायावती आश्रम की स्थापना की।
  • 1897 में  स्वामी दयानंद सरस्वती ने हरिद्वार के कुंभ मेले में पाखंड खड़ीनी पताका फैलाई।
  • 1901 में गढ़वाल यूनियन की स्थापना हुई।
  • 1902 में गढ़वाल यूनियन द्वारा गढ़वाल समाचार पत्र का प्रकाशन किया गया ।इसका प्रकाशन लैंसडाउन में होता था इसके प्रथम संपादक मिर्जा दत्त नैथानी थे।
  • 1903 में  विवेकानंद  मायावती आश्रम आए।
  • 1903 में जी बी पंत तथा हरगोविंद पंत द्वारा हैप्पी क्लब की स्थापना की गई।
  • 1905 में  लॉर्ड कर्जन द्वारा हिमालय की यात्रा की गई ।
  • गढ़वाली भाषा का प्रथम समाचार पत्र गढ़वाली का प्रकाशन देहरादून से किया गया था।
  • मुंशी हरिप्रसाद टम्टा द्वारा अल्मोड़ा में टम्टा सुहानी सभा की स्थापना की गई।
  • 1906 में  हरिराम त्रिपाठी द्वारा वंदे मातरम का कुमाऊनी अनुवाद किया गया।
  • चिरंजी लाल शाह द्वारा हुक्का क्लब की स्थापना भी इसी साल की गई।
  • 1911 में अंग्रेजों ने जल जंगल तथा जमीन पर कब्जा करने के लिए एक नई नीति बनाई इसको लेकर 1917 तक राज्य में व्यापक आंदोलन हुए।
  • 1912 में  उत्तराखंड में अल्मोड़ा कांग्रेस की स्थापना हुई।
  • 1913 में  स्वामी सत्यदेव द्वारा अल्मोड़ा आगमन किया गया तथा शुद्ध साहित्य समिति की स्थापना की गई।
  • अल्मोड़ा अखबार के संपादक का कार्य बद्रीदत्त पांडे ने संभाला।
  • 1914 में बद्री दत्त पांडे, चिरंजीलाल शाह, विक्टल मोहन जोशी आदि नेताओं ने मिलकर होम रूल लीग की स्थापना की गई।
  • 1915  में 5 अप्रैल को महात्मा गांधी प्रथम बार उत्तराखंड आए।
  • मार्च 1916 में महात्मा गाँधी ने पुनः उत्तराखंड आए तथा देहरादून के D.A.V. कॉलेज में भाषण दिया।
  • स्थानीय समस्याओं का समाधान करने हेतु “कुमाऊँ परिषद” की स्थापना की गई।
  • इसकी स्थापना 30 सितंबर 1916 को नैनीताल मे की गई तथा इसकी प्रथम बैठक अल्मोड़ा के मझेड़ा मे की गई इसकी अध्यक्षता रामबहादुर ने की।
  • कुमाऊँ परिषद का प्रथम सम्मेलन। 1917 में अल्मोड़ा मे हुआ जिसकी अध्यक्षता जय दत्त जोशी ने की।
  • 1918 में इसका सम्मेलन हल्द्वानी अध्यक्षता तारादत्त गैरोड़ा ने की ।
  • 1919 में कोटद्वार मे तीसरा अधिवेशन हुआ जिसकी अध्यक्षता रामबहादुर तथा बद्री दत्त जोशी ने की।
  • 1920 में  काशीपुर में चौथा अधिवेशन हुआ जिसकी अध्यक्षता हरगोविंद पंत ने की।
  • 1923 में  टनकपुर में पांचवा अधिवेशन हुआ जिसकी अध्यक्षता बद्री दत्त पांडे ने की।
  • 1926 में  गनिया धौली मे 7वॉ व् अन्य अधिवेशन हुए जिन की अध्यक्षता मुकुंदी लाल ने की।
  • 1918 में मुकुंदी लाल तथा अनुसुइया प्रसाद बहुगुणा द्वारा गढ़वाल कांग्रेस की स्थापना की गयी।
  • देहरादून में विचारनन्द सरस्वती द्वारा होम रूल लीग चलाया गया।
  • अल्मोड़ा  अखबार पर प्रतिबंध लगाया गया तथा इसके स्थान पर बद्रीदत्त पाण्डेय ने शक्ति पत्रिका का प्रकाशन किया।
  • अक्टूबर 1919 में श्रीनगर में गढ़वाल परिषद की स्थापना की गयी ।
  • इसी साल नमक सुधार समिति की स्थापना की गयी।
  • 1920 में उत्तराखंड में स्वराज दल की स्थापना हुई।
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