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राजस्थान का इतिहास (नाडोल के चौहान)

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राजस्थान का इतिहास (नाडोल के चौहान)


History of Rajasthan (Chauhan of Nadol)


960 ई. में लक्ष्मणदेव चौहान ने नाडोल में चौहान वंश की शाखा की नीव रखी थी। नाडोल शाखा चौहानों की सबसे प्राचीन शाखा मानी जाती है। नाडोल वर्तमान में पाली में आता है। आशापुरा माता नाडोल के चौहानों की कुल देवी है।

लक्ष्मणदेव चौहान – 

  • लक्ष्मणदेव चौहान अजमेर के चौहान शासक वाकपति राज के पुत्र थे।
  • लक्ष्मणदेव चौहान को लाखणसी व माणिक्य (माणकराव) कहा जाता है।
  • लक्ष्मणदेव चौहान ने नाडोल दुर्ग का निर्माण करवाया था।
  • लक्ष्मणदेव चौहान ने नाडोल में आशापुरा माता के मंदिर का निर्माण कराया था।
  • लक्ष्मणदेव चौहान ने अपने पुत्र की स्मृति में आयेड़ा तालाब का निर्माण करवाया था।

शोभित – 

  • शोभित लक्ष्मणदेव के पुत्र थे।
  • शोभित की ही सोही नाम से जाना जाता है।
  • शोभित ने भीनमाल पर अपना अधिकार किया था।

बलराज – 

  • बलराज ने मालवा के परमार शासक मुंज को पराजित किया था।

महेंद्र – 

  • जैन विद्वान हेमाचार्य सूरी द्वारा रचित द्वयाश्रय काव्य ग्रन्थ के अनुसार महेंद्र ने अपनी बहन के विवाह हेतु स्वंयवर का आयोजन किया था।
  • इस स्वंयवर में महेंद्र की बहन का विवाह गुजरात के चालुक्य शासक चामुंडाराज के पुत्र दुर्लभराज से हुआ था।
  • चालुक्यों से वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित करने के कारण सांभर के चौहान शासक दुर्लभराज द्वितीय क्रोधित हो जाता है तथा महेंद्र पर आक्रमण कर उसे पराजित कर देता है।

अहिल – 

  • अहिल ने मालवा के परमार शासक भोज के सेनापति सधा का सर धड़ से अलग कर दिया था।
  • सुंधा के लेख के अनुसार अहिल ने गुजरात के चालुक्य शासक भीमदेव प्रथम को पराजित किया था।
  • अहिल ने 1025 ई. में सोमनाथ मंदिर में आक्रमण करने जा रहे महमूद गजनवी के साथ युद्ध किया था।

पृथ्वीपाल – 

  • पृथ्वीपाल अहिल के पुत्र थे।
  • पृथ्वीपाल ने गुजरात चालुक्य शासक कर्ण को पराजित किया था।

असराज – 

  • असराज नाडोल चौहानों में प्रथम शासक थे जिन्होंने चालुक्यों अधीनता स्वीकार की थी।

अल्हण – 

  • 1148 ई. में चालुक्यों ने नाडोल पर अपना अधिकार कर लिया था।
  • अल्हण ने चालुक्यों की सेवा की थी।
  • 1163 ई. में चालुक्यों ने अल्हण को पुनः नाडोल का शासक बन गया था।
  • अजमेर के विग्रहराज चतुर्थ ने अल्हण पर आक्रमण कर अल्हण की हत्या कर दी थी।

कीर्तिपाल – 

  • कीर्तिपाल चौहान अल्हण के पुत्र थे।
  • कीर्तिपाल चौहान ने प्रारभ में चालुक्यों की सेवा की थी।
  • 1181 ई. कीर्तिपाल ने जालौर में स्वतंत्र चौहान राज्य की स्थापना की थी।

कल्हण –

  • कल्हण ने 1178 ई. में  चालुक्य शासक मूलराज द्वितीय के सामंत के रूप में मोहम्मद गौरी से युद्ध किया था। इस युद्ध में मूलराज द्वितीय विजयी हुए थे।
  • 1205 ई. में जालौर के उदयसिंह सोनगरा ने नाडोल पर आक्रमण कर नाडोल को जालौर में मिला दिया था।
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