राजस्थान का इतिहास – एक परिचय
History of Rajasthan – An Introduction
- राजस्थान भारत का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है।
- राजस्थान भारत के कुल क्षेत्रफल का 10.41% है।
- अरावली पर्वतमाला राजस्थान की जलवायु को दो भाग में बाटती है।
- राजस्थान नाम इस राज्य को आधिकारिक तोर पर 26 जनवरी 1950 को मिला था ।
- 26 जनवरी 1950 से पूर्व इस राज्य को अलग अलग नाम से जाना जाता था।
- राज्य में रेत होने के कारण महर्षि वाल्मीकि ने इसे मरुकंतर कहा था।
- अंग्रेज अधिकारियों ने इसे राजथान , राजपुताना कहा था।
- राजस्थान शब्द का उल्लेख सर्वप्रथम वसंतगढ़ शिलालेख में मिला था।
- राजस्थान के पुरे क्षेत्र पर राजपूतों का शासन था जिसके कारण ही इसका नाम राजपूताना पड़ा था।
- राजपूताना शब्द का सवर्प्रथम प्रयोग जोर्ज थोमसन ने 1800 ई॰ में किया था।
राजस्थान के प्रमुख राजवंश –
कछवाहा राजवंश –
- यह राजवंश ढुंढाड़ क्षेत्र में राज करा करते थे। ढुंढाड़ क्षेत्र जयपुर के आस-पास का क्षेत्र है।
- कछवाहा राजवंश के संस्थापक तेजकरण थे।
राठौड़ राजवंश –
- यह राजवंश मारवाड़ क्षेत्र में राज करा करते थे। मारवाड़ क्षेत्र जो बीकानेर से लेकर जोधपुर और जोधपुर से लेकर किशनगढ़ तक फेला हुआ था।
- राठौड़ राजवंश के संस्थापक राव सिंह थे।
गुहिल राजवंश –
- इस राजवंश ने मेवाड़ क्षेत्र में राज किया था।
- गूहिल राजवंश के संस्थापक गुहादित्य थे।
सिसोदिया राजवंश –
- इस राजवंश ने भी मेवाड़ क्षेत्र में राज किया था।
- सिसोदिया राजवंश के संस्थापक राणा हमीर थे।
चौहान राजवंश –
- इस राजवंश ने अजमेर, नागौर,हाड़ौती, जालौर के क्षेत्र में राज किया था।
- चौहान राजवंश के संस्थापक कीर्तिपाल थे।
भाटी राजवंश –
- इस राजवंश ने जैसलमेर क्षेत्र में राज किया था।
- भाटी राजवंश के संस्थापक भट्टी थे।
जाट राजवंश –
- इस राजवंश ने भरतपुर , धौलपुर , आगरा , मथुरा क्षेत्र में राज किया था। यह राजवंश ब्रज क्षेत्र में फैला हुआ था जिसके कारण इस राजवंश को व्रज राजवंश की भी उपाधि दी गयी थी।
- जाट राजवंश के संस्थापक चूडामल थे।