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उत्तराखंड का हरिद्वार जनपद (Haridwar district of Uttarakhand)

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उत्तराखंड का हरिद्वार जनपद


Haridwar district of Uttarakhand


हरिद्वार जनपद का इतिहास-

  • हरिद्वार जनपद की स्थापना 28 दिसम्बर 1988 को हुई थी।
  • हरिद्वार जनपद का मुख्यालय हरिद्वार है।
  • स्कंद पुराण में हरिद्वार को मायापुरी कहा गया है।
  • मान्यता है कि मय नामक दैत्य की निवास स्थली होने के कारण हरिद्वार को मायापुरी कहा जाता है।
  • हरिद्वार को हरी यानि विष्णु का द्वार व बद्रीनाथ का द्वार भी कहा जाता है।
  • हरिद्वार के अन्य नाम- कपिला, गंगा द्वार, खाण्डव वन, तीर्थस्थलों का द्वार, चारों धामों का द्वार
  • चीनी यात्री ह्वेनसांग ने इस स्थान को मो-यु-लो कहा जिसका क्षेत्रफल उन्होंने 20 ली बताया।
(नोट- हरिद्वार 1988 से उत्तराखंड राज्य गठन से पहले सहारनपुर मण्डल का हिस्सा था उत्तराखंड राज्य गठन के बाद हरिद्वार उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल का जिला बनाया गया)
जनसंख्या– 1890422
जनघनत्व- 801
लिंगानुपात- 880
साक्षरता– 73.43%
पुरूष साक्षरता- 81.04%
महिला साक्षरता– 64.79%

हरिद्वार जनपद का भौगोलिक परिचय –

भौगोलिक स्थित- 
हरिद्वार जनपद  के पड़ोसी जिले/राज्य- 
पूर्व – पोड़ी
पश्चिम- उत्तरप्रदेश
उत्तर- देहरादून
दक्षिण– उत्तरप्रदेश
 
  • हरिद्वार जनपद का क्षेत्रफल 2360 वर्ग km है।
  • हरिद्वार जनपद उत्तराखंड के दो जनपदों पोड़ी व देहरादून से सीमा बनाता है।

National Highway (राष्ट्रीय राजमार्ग)- 

  • NH-34 – मेरठ-बिजनोर-हरिद्वार-ऋषिकेश- धराशु-गंगोत्री
  • NH-334 – पुरकाजी(UP) – रुड़की
  • NH-344 – सहारनपुर-रूड़की

हरिद्वार जनपद का नदी तंत्र- 

गंगा नदी-
  • गंगा नदी हरिद्वार में प्रवेश कर हर की पैड़ी नामक स्थान पर पहुंच जाती है।
  • हर की पैड़ी के पश्चात गंगा नदी मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है।
  • हर की पोड़ी के निकट भीमगोड़ा परियोजना गंगा नदी पर बना हुआ है यहाँ से ऊपरी गंगा नहर निकलती है।
  • ऊपरी गंगा नहर रुड़की से होकर मुज्जफरनगर(UP) जिले में निकलती है।
  • गंगा नदी हरिद्वार से बाहर निकलर उत्तरप्रदेश के बिजनोर जनपद में सर्वप्रथम पहुँचती है।
2.सोलानी नदी
  • रुड़की इसी नदी के तट पर स्थित है।

हरिद्वार में स्थित प्रमुख जल विद्युत परियोजनाएँ – 

1.भीमगोड़ा परियोजना- 
  • यह परियोजना गंगा नदी पर बनी हुई है।
  • भीमगोड़ा परियोजना हर की पैड़ी के निकट स्थित है।
  • इसी परियोजना से ऊपरी गंगा नहर निकलती है।
2.पथरी जल विद्युत परियोजना- यह परियोजना हरिद्वार में ऊपरी गंगा नहर पर बनी हुई है।
3.मोहम्मदपुर परियोजना-  यह परियोजना भी ऊपरी गंगा नहर पर बनी हुई है।

हरिद्वार में स्थित प्रमुख कुंड – 

1.भीमगोड़ा कुंड(भीमकुण्ड) – इस कुंड में एक सुरंग द्वारा गंगा नदी का जल पहुँचता है
2.सती कुंड- यह कुंड हरिद्वार के कनखल में स्थित है

3.ब्रह्म कुंड- हर की पैड़ी में स्थित

हरिद्वार जनपद के प्रमुख स्थल – 

1.हर की पैड़ी- 

  • हर की पैड़ी हरिद्वार में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है।
  • हर की पैड़ी का अर्थ – भगवान विष्णु के चरण
  • हर की पैड़ी का निर्माण उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने अपने भाई भर्तृहरि की याद में कराया।
  • हर की पैड़ी में ब्रह्मकुंड स्थित है।
  • अकबर के दरबारी राजा मानसिंह ने इस स्थान पर गंगा मंदिर का निर्माण कराया जिसे राजा मानसिंह की छतरी के नाम से जाना जाता है।

हर की पैड़ी के दक्षिण के दो घाट –

  • गऊ घाट– यहाँ पर स्नान करने से मनुष्य गो हत्या से मुक्त हो जाता है।
  • कुशावर्त घाट– यहाँ पर दत्तात्रेय ऋषि ने तपस्या की थी।
2.कनखल-
  • कनखल हरिद्वार में स्थित है जिसे भगवान शिव का ससुराल भी माना जाता है।
  • कनखल दक्ष प्रजापति की राजधानी मानी जाती है।
  • कनखल में दक्ष प्रजापति मंदिर(दक्षेश्वर महादेव मंदिर) स्थित है।
  • दक्षेश्वर महादेव का मंदिर 1810 में रानी धनकोर ने कराया था व 1962 में इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया।
  • कनखल में सती कुंड स्थित है जहाँ पर माता सती अग्नि में समायी थी।
  • कनखल के निकट नारायणी शिला स्थित है।
 
3.शांति कुंज- 
  • शांतिकुंज हरिद्वार में स्थित आध्यात्मिक तीर्थ स्थल है।
  • शांतिकुंज की स्थापना 1971 में पंडित राम शर्मा आचार्य ने की थी।
  • शांतिकुंज को गायत्री तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है।
4.सप्तऋषि आश्रम- 
  • हरिद्वार में स्थित यह आश्रम सप्त ऋषियों का आराधना स्थल माना जाता है।
5.पिरान कलियर –
  • रुड़की से 8 KM दूर पिरान कलियर गांव एक सूफी संत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर की दरगाह के लिए प्रसिद्ध है।
  • पिरान कलियर में प्रतिवर्ष उर्स मेले का आयोजन किया जाता है।
6.रुड़की – 
  • रुड़की सोलानी नदी के तट पर बसा हुआ है।
  • रुड़की शहर का नाम रूड़ी नामक महिला के नाम पर पड़ा।
  • देश मे प्रथम बार 22 दिसम्बर 1851 रुड़की से पिरान कलियर के मध्य रेल देश की पहली रेलगाड़ी चलाई गयी।

(नोट-  यह खोज 2002 में हुई इसलिए यही माना जाता है कि देश की पहली रेलगाड़ी 1853 में मुंबई से ठाणे के बीच चली)

  • रुड़की में 1847 में एशिया के प्रथम इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की गई।

हरिद्वार में स्थित प्रमुख मंदिर – 

1.भारत माता मंदिर – 
  • इस मंदिर का निर्माण स्वामी सत्यमित्रानंद ने कराया।
  • 1983 में श्रीमती इंदिरा गांधी ने इस मंदिर का उद्घाटन किया।
  • इस मंदिर की ऊंचाई 180 मीटर है व इसमें कुल 8 मंजिल है।।
2.माया देवी मंदिर-
  • हरिद्वार में स्थित माया देवी मंदिर माता सती के शक्तिपीठों में से एक है।
  • माना जाता है कि इस स्थान पर माता सती की नाभि व ह्रदय गिरे थे।
3.चंडी देवी मंदिर- 
  • यह मंदिर हरिद्वार में नीलपर्वत के शिखर पर स्थित है।
  • इस मंदिर का निर्माण जम्मू कश्मीर के राजा सुचात सिंह ने कराया।
4.मनसा देवी मंदिर-
  • यह मंदिर हरिद्वार में बिल्ब शिखर पर स्थित है।
  • इस मंदिर में मनसा देवी की पांच भुजाओं व तीन मुख वाली मूर्ति है।
5.बिल्केश्वर महादेव-
  • यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
  • बिल्केश्वर महादेव मंदिर हरिद्वार में बिल्ब पर्वत पर स्थित है।
  • माना जाता है कि माता पार्वती ने यहीं पर शिव की तपस्या की थी।
  • इस मंदिर में बेल पत्र चढ़ाने की परंपरा है।
6.नीलेश्वर महादेव मंदिर
  • यह मंदिर हरिद्वार में नील पर्वत पर स्थित है।
7.दक्ष महादेव मंदिर-
  • कनखल में दक्ष प्रजापति मंदिर(दक्षेश्वर महादेव मंदिर) स्थित है।
  • दक्षेश्वर महादेव का मंदिर 1810 में रानी धनकोर ने कराया था व 1962 में इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया।

हरिद्वार जनपद के प्रमुख मेले – 

1.कुंभ मेला-

  • कुंभ मेला हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण  मेला है।
  • यह मेला हरिद्वार में गंगा के तट पर प्रत्येक बारहवें वर्ष आयोजित होता है।
  • यह मेला सूर्य के मेष राषि में तथा बृहस्पति के कुंभ राशि मे आने पर आयोजित होता है।
2.उर्स मेला-
  • यह मेला रुड़की से 8Km दूर कलियर गांव में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
  • कलियर गांव में पिरान कलियर बाबा(अलाउद्दिन अली अहमद साबरी) की मजार(दरगाह) है।
3.गुघाल मेला- 
  • यह मेला हरिद्वार के ज्वालपुर में आयोजित किया जाता है।
  • यह तीन दिवसीय मेला है।
  • गुघाल मेला में लोक देवता गोगाजी की पवित्र छड़ी की पूजा अर्चना की जाती है

हरिद्वार में स्थित प्रमुख संस्थान – 

1.Central Building Research Institute(CBRI) केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान – 

  • स्थापना- 1947
  • स्थित- रुड़की(हरिद्वार)
  • उदेश्य- भवन निर्माण के सभी क्षेत्रों में आने वाली समस्या का समाधान करना।
2.भारतीय प्रोधोगिकी संस्थान(Indian Institute Of Technology)- IIT
  • स्थापना– 1847
  • यह भारत का सबसे पुराना इंजीनियरिंग कॉलेज है।
  • 21 सितम्बर 2001 को इस संस्थान को IIT का दर्जा दिया गया।

3.गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय-

  • स्थापना- 1902 में हरिद्वार में
  • संस्थापक– स्वामी श्रद्धानंद
  • इस विश्वविद्यालय की सर्वप्रथम स्थापना 1900 में पंजाब के गुजरांवाला में की गयी।
  • 1902 में इसे हरिद्वार स्थापित किया गया।
  • इस विश्वविद्यालय में भारतीय दर्शन, भारतीय संस्कृति एवं साहित्य के साथ साथ आधुनिक विषयों का अध्ययन किया जाता है।
  • 1965 में इसे विश्व विद्यालय(डीम्ड यूनिवर्सिटी) का दर्जा दिया गया।

4.राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान- 

  • यह संस्थान रुड़की में स्थित है।
  • इसकी स्थापना 1978 में हुई।

5.उत्तराखंड लोक सेवा आयोग(UKPSC)

6.उत्तराखंड संस्कृत अकादमी

7.उर्दू-फारसी अकादमी

8.उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय

9.गन्ना अनुसंधान केंद्र

हरिद्वार जनपद का  प्रशासनिक ढांचा- 

  • लोकसभा क्षेत्र– हरिद्वार
  • विधानसभा क्षेत्र- हरिद्वार में 11 विधानसभा क्षेत्र हैं।
  1. रुड़की
  2. लक्सर
  3. खानपुर
  4. मंगलोर
  5. पिरान कलियर
  6. हरिद्वार
  7. हरिद्वार ग्रामीण
  8. भेल रानीपुर
  9. जवालपुर(SC)
  10. झबरेड़ा(SC)
  11. भगवानपुर(SC)

विकासखंड

  • हरिद्वार में 6 विकासखंड है –
  1. बहादराबाद
  2. रुड़की
  3. भगवानपुर
  4. नारसन
  5. लक्सर
  6. खानपुर

तहसील –

  • हरिद्वार में 4 तहसील हैं –
  1. हरिद्वार
  2. रुड़की
  3. भगवानपुर
  4. लक्सर
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