गोरखा शासन
Gurkha / Gorkhas Rule
गोरखा का प्रथम शासक नर भूपाल शाह था।
पृथ्वी नारायण शाह (1745 – 75) –
- पृथ्वी नारायण शाह ने 1768 में नेपाल का एकीकरण किया था।
- पृथ्वी नारायण शाह को नेपाल का बिस्मार्क कहा जाता है।
सिंह प्रताप शाह (1775 – 78)
रणबहादुर शाह (1778- 1800) –
- इसे स्वामी निगुर्णा नंद के नाम से नाम से जाना जाता है।
- इनकी माता इंद्रलक्ष्मी / राजेंद्र लक्ष्मी इनकी संरक्षिका बनी।
- कुमाऊँ में आक्रमण के समय 1790 में गोरखा शासक रणबहादुर शाह ही था।
विक्रम शाह (1804) –
- विक्रम शाह के शासन काल दौरान ही गोरखाओं ने गढ़वाल पर आक्रमण किया था जिसे खुड़ बुड़ा का युद्ध कहा जाता है।
- गोरखाओं के शासन काल को गोरखाली या गोरखाड़ी क्यूंकि इनके शासक अन्यायपूर्ण था।
- हर्षदेव जोशी ने कुमाऊँ व गढ़वाल आक्रमण लिए गोरखाओ (रणबहादुर) को आमंत्रित किया था,इसलिए हर्षदेव जोशी को उत्तराखंड इतिहास में देशद्रोही कहा जाता था तथा हर्षदेव को उत्तराखंड का विभिषण भी कहा जाता है।
- हर्षदेव जोशी को उत्तराखंड का शिवाजी भी कहा जाता है।
- 1790 में हवालबाग़ के युद्ध में गोरखाओं ने कुमाऊँ राजा महेंद्र चंद को हराया था तथा कुमाऊँ में 25 वर्षो तक शासन किया था।
- गोरखा राजा ने प्रथम सुब्बा जोगामल्ल शाह को कुमाऊँ में नियुक्त किया था।
- 1804 में खुड़ बुड़ा के युद्ध में गोरखाओं ने गढ़वाल के राजा प्रद्युम्न शाह को पराजित किया तथा गढ़वाल पर 10.5 वर्षो तक शासन किया था।