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गुरुत्वाकर्षण (Gravitation)

गुरुत्वाकर्षण (Gravitation)


गुरुत्वाकर्षण (Gravitation)- एक पदार्थो द्वारा एक दूसरे की ओर आकर्षित होने की प्रवृति को  गुरुत्वाकर्षण कहते है।


गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम (UNIVERSAL LAW OF GRAVITATION)-

F ∝M × m

F ∝ 1/d²

F ∝ M ×m /d²

F= G(M× m)/d²

G= सार्वत्रिक गुरुत्वीय नियतांक (Universal Gravitation Constant)

G= 6.67408×1011Nm2/kg2


गुरुत्वाकर्षण त्वरण (g) के मान का परिकलन (TO CALCULATE THE VALUE OF g)-

सार्वत्रिक गुरुत्वीय नियतांक(Universal Gravitation Constant) – G = 6.67408×1011Nm2/kg2
पृथ्वी का द्रव्यमान(mass of the earth) – M = 6 × 10^24 kg
पृथ्वी की त्रिज्या(radius of the earth) – R = 6.4 × 10^6 m
g=G (M)/R²

=6.67408×1011Nm2/kg2/(6.4 10^6 m)²

= 9.8 m/s²


गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का महत्व (IMPORTANCE OF THE UNIVERSAL LAW OF GRAVITATION)-

1. यही बल हमें  पृथ्वी से बांधे रखता  हैं।

2. पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की गति इसी के कारण होती है।

3. सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति  इसी के कारण होती है।

4. सूर्य तथा चंद्रमा  के कारण समुद्र में ज्वार भाटा आता है।

5. कृत्रिम उपग्रहों को पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने के लिए अभिकेंद्रीय बल इसी के कारण प्राप्त होता है।


मुक्त पतन (Free fall)- जब कोई वस्तु पृथ्वी पर गुरुत्वीय बल के कारण गिरती है तब उसे मुक्त पतन कहा जाता है ।


पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव में वस्तुओं की गति (MOTION OF OBJECTS UNDER THE INFLUENCE OF GRAVITATIONAL FORCE OF THE EARTH)-

पृथ्वी के निकट g का मान स्थिर है, अतः एकसमान त्वरित गति के सभी समीकरण, त्वरण a के स्थान पर g रखने पर भी मान्य रहेंगे।

ये समीकरण हैं:
v = u + at … (1)
s = ut + ½ at2 … (2)
v2 = u2 + 2as … (3)

यहाँ u एवं v क्रमशः प्रारंभिक एवं अंतिम वेग तथा s वस्तु द्वारा t समय में चली गई दूरी है।

इन समीकरणों का उपयोग करते समय, यदि त्वरण (a) वेग की दिशा में अर्थात् गति की दिशा में लग रहा हो तो हम इसको धनात्मक लेंगे| त्वरण (a) को ऋणात्मक लेंगे जब यह गति की दिशा के विपरीत लगता है।


द्रव्यमान (Mass) {m}– किसी वस्तु में पदार्थ की मात्रा को द्रव्यमान कहते है।द्रव्मान अदिश राशि है।

S.I. मात्रक (Unit)- किलोग्राम (Kilogram) (kg)


भार (Weight)- किसी वस्तु पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के माप को भार कहते हैं।

बल (Force)= द्रव्यमान (Mass) x त्वरण (Acceleration)
F = m×a

पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण त्वरण गुरुत्वीय त्वरण ‘g’ है।

F = m×g

पृथ्वी द्वारा आरोपित बल भार कहलाता है| इसे ‘W’ से प्रदर्शित करते हैं।
W = m×g

S.I. मात्रक (Unit)- न्यूटन /newton (N)


किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार (WEIGHT OF AN OBJECT ON THE MOON)-

चंद्रमा पर किसी भी वस्तु का भार, उसके पृथ्वी के भार का 1/6 होता है।

किसी वस्तु का द्रव्यमान m है।

Me = पृथ्वी का द्रव्यमान (Mass of Earth)
Re = पृथ्वी की त्रिज्या (Radius of earth)
चंद्रमा पर वस्तु का भार
जहाँ, Mm = चंद्रमा का द्रव्यमान (Mass of Moon)
Rm = चंद्रमा की त्रिज्या (Radius of moon)
भाग देने पर
Me = 100 Mm (चंद्रमा से पृथ्वी का द्रव्यमान लगभग 100 गुणा है)
Re = 4 Rm (चंद्रमा से पृथ्वी की त्रिज्या लगभग 4 गुणा है)

अतः चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार उसके पृथ्वी के भार का 1/6 है


प्रणोद तथा दाब (Thrust and Pressure)-
प्रणोद (Thrust)-  प्रणोद एक बल या एक धक्का है
दाब (Pressure)- किसी सतह के इकाई क्षेत्र पर लगने वाले अभिलम्ब बल को दाब (Pressure) कहते हैं।
दाब का मात्रक-
दाब का S.I. मात्रक- पॉस्कल(Pascal)  [Pa]
तरलों में दाब (PRESSURE IN FLUIDS)-

सभी गैंसे तथा द्रव तरल होते है। सभी द्रव तथा गैंस जिस किसी भी बर्तन  में रखे हो, वे सभी द्रव तथा गैंस उस बर्तन की सभी दीवारों में समान दाब लगाते हैं


 उत्प्लावकता (BUOYANCY)-
जब कोई वस्तु को किसी तरल में डुबाया जाता है तो उस वस्तु के ऊपर उपरिमुखी बल लगाने की प्रवृत्ति उत्प्लावकता (Buoyancy) कहते हैं ।
उत्प्लावन बल (Buyonat force)

जब कोई वस्तु को किसी तरल में डुबाया जाता है तो वस्तु पर एक बल लगता है जो उसे ऊपर की ओर  को धक्का देती है उसे उत्प्लावन बल (Buyonat force) कहते हैं।


आर्किमीडीज का सिद्धांत (Archimedes’ Principle)-
किसी वस्तु को द्रव में पूरी या आधी डुबाई जाये तो,तब वस्तु में ऊपर की ओर से एक बल लगता है ,यह बल वस्तु द्वारा हटाये गए द्रव के भार के बराबर होता है
आर्किमीडीज का सिद्धांत के उपयोग (Uses of Archimedes’ Principle)-
  • आर्किमीडीज का सिद्धांत जलयानों और पनडुब्बियों के डिज़ाइन बनाने में प्रयोग किया जाता है
  • दुग्धमापी और हाइड्रोमीटर (Lactometer and hydrometer) इसी सिद्धांत पर आधारित है
  • आर्किमीडीज का सिद्धांत पदार्थों का आपेक्षिक घनत्व (Relative Density) ज्ञात करने में उपयोगी है

 आपेक्षिक घनत्व (Relative Density)-

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