उत्तराखंड का देहरादून जनपद


Dehradun district of Uttarakhand


देहरादून का इतिहास –

  • देहरादून का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है।
  • देहरा(डेरा या शिविर) तथा दून(घाटी)।
  • सिक्ख गुरु रामराय ने 1676 में देहरादून में डेरा डाला था इसलिए यहाँ का नाम डेरा से देहरा अथवा देहरादून पड़ा।
  • यह भी मान्यता है कि यहाँ पर आचार्य द्रोण ने तपस्या की थी जिसके कारण इस क्षेत्र का प्राचीन में द्रोणनगर कहते थे व द्रोणनगर से बाद में इसका नाम देहरादून पड़ा।
  • देहरादून का प्राचीन नाम पृथ्वीपुर था।
  • देहरादून के कालसी नामक स्थान पर अशोक शिलालेख प्राप्त हुआ जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि यह क्षेत्र मौर्यों के आधीन था।
  • देहरादून 1804 तक गढ़वाल के पंवार वंश के राजाओं के अधीन था लेकिन 1804 में प्रद्युम्न शाह व गोरखा सेना के बीच देहरादून के खड़बुड़ा नामक मैदान पर
  • युद्ध हुआ जिसमें प्रद्युम्न शाह की मृत्यु हो गयी जिसके बाद गोरखाओं ने इस क्षेत्र पर शासन किया।
  • 1814 में देहरादून के नालापानी में ब्रिटिश सेना व गोरखाओं के बीच युद्ध हुआ ब्रिटिश सेना का नेतृत्व जनरल जिलेस्पी ने व गोरखा सेना का नेतृत्व बलभद्र थापा ने किया इस युद्ध में गोरखाओं की पराजय हुई व यह क्षेत्र अब अंग्रेजों के अधीन हो गया।
  • 1817 में देहरादून को जिला बनाया गया मेरठ मंडल में शामिल किया गया।
  • 1975 में देहरादून जनपद को गढ़वाल मंडल में शामिल किया गया।

पड़ोसी जिले/राज्य –

  • पूर्व – टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी
  • पश्चिम- उत्तर प्रदेश
  • उत्तर- उत्तरकाशी ,हिमाचल प्रदेश
  • दक्षिण- हरिद्वार

राष्ट्रीय राजमार्ग(National Highway) –

  • NH 7- अम्बाला-पोंटा साहिब-देहरादून-ऋषिकेश
  • NH 507 – विकासनगर-कालसी-बड़कोट
  • NH 34- दिल्ली-बद्रीनाथ-माणा
  • NH-307- छुटमलपुर-देहरादून
  • देहरादून उत्तराखंड राज्य का सबसे पश्चिमी जिला है।
  • देहरादून जनपद दो राज्यों से सीमा बनाता है- हिमाचल प्रदेश व उत्तरप्रदेश
  • देहरादून जनपद राज्य के चार जनपदों से सीमा बनाता है- टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी, हरिद्वार

जनसंख्या – 16,96,694 (दूसरी सबसे ज्यादा  सर्वाधिक हरिद्वार)
जनघनत्व – 549 तीसरा सर्वाधिक 1 हरिद्वार 2 उधम सिंह नगर
साक्षरता – 84.25%
पुरूष – 89.40%
महिला – 78.54%
लिंगानुपात – 902 ( दूसरा सबसे कम लिंगानुपात वाला जिला)

सबसे कम हरिद्वार -880

देहरादून जनपद का नदी तंत्र –

1.टोंस नदी-

  • टोंस नदी यमुना नदी की प्रमुख सहायक नदी है।
  • टोंस नदी व यमुना नदी का संगम देहरादून में कालसी के निकट होता है।

टोंस नदी पर प्रमुख परियोजनाएँ-
1.किसाऊ बांध परियोजना
2.छिबरो बांध परियोजना
3.इचारी बांध परियोजना

2.यमुना नदी –

  • यमुना नदी देहरादून के लाखामंडल में प्रवेश करती है।
  • देहरादून के कालसी में अमलावा नदी यमुना से संगम करती है।
  • कालसी से आगे कुछ ही दूरी पर टोंस नदी यमुना से संगम करती है।
  • यमुना व टोंस के संगम स्थल के बाद कुछ दूरी पर यमुना नदी पर डाकपत्थर बैराज है।
  • डाकपत्थर बैराज से यमुना नदी से एक नहर निकलती है जिसे शक्ति नहर कहते हैं।

शक्ति नहर पर निम्न परियोजनाएँ स्थित है-
1.ढकरानी बांध परियोजना
2.ढालीपुर बांध परियोजना
3.आसन बैराज
4.कुल्हाल बांध परियोजना

यमुना नदी पर निम्न परियोजनाएँ हैं – 
1.ब्यासी जल विद्युत परियोजना
2.खोदरी परियोजना
3 लखवाड़ बांध परियोजना

3.आसन नदी-

  • आसन नदी देहरादून के आशारोड़ी देहरामार्ग के पश्चिम से निकलती हुई रामपुर-मंडी(देहरादून) के पास बायीं और से शक्ति नहर(यमुना नदी) में मिल जाती है।

4.रिस्पना नदी-

  • रिस्पना नदी का मूल नाम ऋषिपर्णा नदी था।
  • रिस्पना नदी बिंदाल नदी की सहायक नदी है।
  • बिंदाल नदी व रिस्पना नदी मोथरोवाला में मिलती है।
  • मोथरोवाला से एक साथ आगे बढ़कर ये नदियाँ सोंग नदी से मिल जाती है।

5.सोंग नदी-

  • सोंग नदी गंगा नदी की सहायक नदी है जो कि रायवाला में गंगा नदी में मिल जाती है।
  • सोंग नदी की सहायक नदी बाल्दी नदी है बाल्दी नदी पर ही सहस्त्रधारा जलप्रपात है।
  • रिस्पना व बिंदाल नदी भी सोंग नदी की सहायक नदी है।

देहरादून में स्थित जलप्रपात – 

1.टाइगर फॉल -यह चकराता में स्थित है।
2.किमोना फॉल- चकराता में स्थित है।
3.सहस्त्रधारा जलप्रपात- बाल्दी नदी के तट पर स्थित है इसमें गंधकयुक्त जल पाया जाता है।
4.हार्डी जलप्रपात- मसूरी
5.भट्टा जलप्रपात – मसूरी
6.शिखर फॉल

कुंड-

  • गौतम कुंड- देहरादून से 7km दूर चंद्रबानी मंदिर के निकट स्थित है।
  • यहाँ पर महर्षि गौतम ने तपस्या की थी।

देहरादून जनपद के प्रमुख स्थल – 

1.मसूरी-

  • मसूरी को पर्वतों की रानी कहा जाता है।
  • मसूरी की खोज आयरिश अफसर कैप्टन यंग ने की।
  • मसूरी नाम यहाँ पर मंसूर पौधे के नाम पर पड़ा जो यहाँ बहुतायात में उगता था।
  • मसूरी को गंगोत्री, यमुनोत्री का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है।
  • 1832 में जार्ज एवरेट मसूरी आए व यहाँ पर सर्वेक्षण कार्यालय स्थापित किया।
  • मसूरी में एवरेस्ट पार्क स्थित है।
  • मसूरी में जार्ज एवरेस्ट के नाम से 1865 में एक शिखर का नाम जार्ज एवरेस्ट पीक रखा गया।
  • 1843 में भी मसूरी में पुस्तकालय समिति का गठन किया व मसूरी स्टेशन लाइब्रेरी की स्थापना की गयी।
  • चीन अधिकृत तिब्बत से निर्वासित होने के बाद तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा सबसे पहले मसूरी(1959) में आये थे।
  • मसूरी में तिब्बत की पहली निर्वासित सरकार बनी।
  • मसूरी में हार्डी व भट्टा जलप्रपात स्थित है।

2.कालसी – 

  • कालसी देहरादून के चकराता तहसील में स्थित है।
  • इस स्थान पर मौर्य सम्राट अशोक का पालि भाषा में लिखा लेख मिला व इसकी लिपि ब्राह्मी लिपि है।
  • कालसी शिलालेख में यहाँ के लोगों को पुलिंद व इस क्षेत्र को अपरांत कहा गया।
  • कालसी का प्राचीन नाम कालकूट, युगशैल, खलतिका है।
  • ह्वेनसांग ने कालसी को सुधनगर कहा।
  • कालसी महाभारत काल में राजा विराट का राज्य क्षेत्र था।

3.लाखामंडल-

  • यहाँ मूर्तियों का भंडार(लाखों मूर्तियां) प्राप्त हुई।
  • लाखामंडल जौनसार-बाबर क्षेत्र में है।
  • यह स्थल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है माना जाता है कि इस स्थल पर महाभारत काल में पांडवों को मारने के लिये लाक्षागृह बनाया गया था।
  • यह स्थल यमुना और रिखनाड़ नदी संगम पर स्थित है।
  • लाखामण्डल में लाक्षेश्वर शिव मंदिर स्थित है।

4.हनोल-

  • जौनसार बाबर क्षेत्र का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है।
  • हनोल में महाशू देवता का सबसे बड़ा मंदिर है।

5.चकराता-

  • चकराता देहरादून के जौनसार बाबर क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
  • चकराता को पहाड़ों का राजा कहा जाता है।
  • चकराता की स्थापना कर्नल ह्यूम ने की थी।
  • चकराता में टाइगर वाटर फॉल व किमोना वॉटर फॉल स्थित है।
  • कानासर पर्यटक स्थल चकराता में स्थित है।

5.ऋषिकेश-

  • ऋषिकेश गंगा व चन्द्रभागा नदी के संगम पर स्थित है।
  • केदारखंड में ऋषिकेश को कुब्जाम्रक कहा गया है।
  • ऋषिकेश को योग की राजधानी कहा जाता है।
  • ऋषिकेश में प्रसिद्ध त्रिवेणी घाट है माना जाता है कि यहाँ पर तीन नदियों का संगम होता है- गंगा , यमुना, सरस्वती
  • ऋषिकेश में ऋषि कुंड स्थित है।
  • ऋषिकेश को 2017 में नगर निगम बनाया गया।

देहरादून जनपद के प्रमुख मंदिर – 

1.टपकेश्वर महादेव मंदिर-

  • देहरादून से लगभग 6 Km दूर स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
  • यह मंदिर गुफा में स्थित है जहाँ पर जल बूँद-बूँद करके टपकता रहता है।
  • टपकेश्वर मन्दिर में शिवरात्रि को टपकेश्वर मेला लगता है।

2.सिद्धेश्वर मंदिर –

  • यह मंदिर केदारपुरम में घंटाघर से 5km दूर मोथरोवाला रोड पर स्थित है।

3.गुरु-रामराय दरबार –

  • सिक्खो के गुरु रामराय 1676 में देहरादून आये व धमूवाला में बस गया।
  • गढ़वाल नरेश फतेहपति शाह ने इन्हें तीन गांव दान दिए।
  • 1699 में गुरु रामराय ने देहरादून के धमुवाला में गुरु राम राय दरबार(झंडा दरबार) की स्थापना की थी।
  • यह दरबार मुगल शैली से निर्मित है।
  • 1707 में गुरु राम राय की पत्नी पंजाब कौर ने निर्माण कार्य पूरा कराया।
  • यहाँ पर प्रतिवर्ष होली के 5वें दिन झंडा मेले का आयोजन किया जाता है।

4.चंद्रबानी मंदिर(चंद्रबानी) –

  • यह मंदिर देहरादून से लगभग 7 km स्थित है।
  • मान्यता है कि इस स्थान पर महर्षि गौतम ने अपनी पुत्री अंजनी व पत्नी के साथ निवास किया।
  • चंद्रबानी मंदिर के निकट गौतम कुंड स्थित है।

5.संतोला देवी मंदिर –

  • यह मंदिर देहरादून से लगभग 15 km दूर स्थित है।

देहरादून जिले के प्रसिद्ध मेले-

1.झंडा मेला- 

  • यह मेला देहरादून में प्रतिवर्ष होली के 5वें दिन बाद आयोजित होता है।
  • यह मेला सिक्ख गुरु रामराय जी के जन्मदिवस पर प्रारम्भ होता है जो कि 15 दिनों तक चलता है।
  • इसी दिन गुरु राम राय जी का आगमन देहरादून में हुआ
  • गुरु राम राय देहरादून में 1676 में आये थे।
  • इस मेले में पंजाब के कई भक्त देहरादून आते हैं जिन्हें ‘संगत’ कहते हैं।

2.नुणाई मेला- 

  • यह मेला देहरादून के जौनसार(चकराता) में श्रावण मास को आयोजित किया जाता है।

3.टपकेश्वर मेला-

  • यह मेला देहरादून में देवधारा नदी के किनारे एक गुफा में स्थित शिव मंदिर में लगता है।
  • इस गुफा में एक शिवलिंग है जिसमें पानी की बूंदे एक चट्टान से टपकती हैं इसलिये इस मंदिर का नाम टपकेश्वर मंदिर है।

4.भद्रराज मेला- 

  • यह मेला देहरादून के मसूरी से 15Km दून भद्रराज मन्दिर में आयोजित किया जाता है।
  • यह मंदिर भगवान बालभद्र को सपर्पित है।

5.बिस्सू मेला –

  • यह मेला जौनसार बाबर क्षेत्र का प्रसिद्ध मेला है।

6.वीर केसरी चंद मेला- 

  • वीर केसरी चंद मेला चकराता में आयोजित किया जाट गए।
  • वीर केसरी का जन्म 1 नवंबर 1920 को चकराता के पास क्यावा गांव में हुआ।
  • वीर केसरी चंद पहले सेना में भर्ती हुए व बाद में आजाद हिंद फौज में भर्ती हुए।
  • इन पर मुकदमा चलने के कारण 3 मई 1945 को इन्हें फांसी दी गयी।

देहरादून में स्थित प्रमुख संस्थान – 

1.भारतीय सर्वेक्षण विभाग(Survey Of India)-

  • भारतीय सर्वेक्षण विभाग भारत के नक्से बनाने वाली व सर्वेक्षण करने वाली केंद्रीय एंजेसी है।
  • स्थापना- 1767 बंगाल में
  • देहरादून- 1942 में इसे देहरादून स्थानन्तरित कर दिया गया।
  • भारतीय सर्वेक्षण विभाग के महानिरीक्षक जार्ज एवरेस्ट को एवरेस्ट की ऊंचाई मापने का श्रेय जाता है।

2.भारतीय वन अनुसंधान संस्थान देहरादून( Forest Research Institute Dehradun)-

  • 1864 में भारतीय वन विभाग की स्थापना की गयी।
  • 1878 में Forest School Of Dehradun की स्थापना देहरादून में की गयी।
  • 1884 में Forest School of Dehradun का नाम बदलकर Imperial Forest School Of Dehradun कर दिया गया।
  • 1906 में Imperial Forest School Of Dehradun का नाम बदलकर Imperial Forest Research Institute Dehradun(FRI) कर दिया गया।
  • इसे अब Indian Forest Research Institute (FRI) कहा जाता है।

3.राष्ट्रीय जल सर्वेक्षण कार्यालय (National Hydrographic Office) –

  • भारत में पहली बार नौसेनिक जल सर्वेक्षण विभाग की स्थापना 1770 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी।
  • 1874 में मैरिनो सर्वे ऑफ इंडिया को कोलकाता स्थानान्तरित किया गया।
  • 1954 में मैरिनो सर्वे ऑफ इंडिया को देहरादून में स्थानांतरित कर दिया गया व इसका नाम नौसेना जल सर्वेक्षण कार्यालय रखा गया।
  • 1996 में इसका नाम नेशनल हाइड्रोग्राफ़िक ऑफिस कर दिया गया।
  • 1999 में इसका नाम नेशनल हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण ऑफिस (राष्ट्रीय जल सर्वेक्षण कार्यालय) कर दिया गया।

4.Wadia Institute of Himalayan Geology (WIHG) (वाडिया हिमालयन भू- विज्ञान संस्थान)-

  • स्थापना- 1968 दिल्ली में
  • 1976 में देहरादून में इसे स्थानन्तरित किया गया।
  • WIHG भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन है।
Note -
NGRSM (National Geo Research Scholars Meet) राष्ट्रीय भू-अनुसंधान अध्येता बैठक।
NGRSM की चौथी बैठक का आयोजन बेबीनार के माध्यम से जून 2020 में WIHG में किया गया।

5.भारतीय पेट्रोलियम संस्थान( Indian Institute Of Petrolium)  –

  • स्थापना- 1960
  • उदेश्य- पेट्रोलियम उत्पादों का विकास करना
  • वर्ष 2019 में IIP ने देहरादून में प्लास्टिक वेस्ट को डीजल में तब्दील करने के लिये एक प्लांट स्थापित किया।

6. तेल और प्राकृतिक गैस निगम (Oil And Natural Gas Corporation) –

  • स्थापना- 1956
  • 14 अगस्त 1956 में इसे तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग का नाम दिया गया और 1994 में तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम(ONGC) में रूपांतरित किया गया।
  • 1997 में ONGC को नवरत्न कम्पनी में शामिल किया गया।
  • 2010 में ONGC को भारत की महारत्न कम्पनी का दर्जा प्राप्त हुआ।

7.ड्रिलिंग प्रोद्योगिकी संस्थान(Institute Of Driling Technology)-

  • स्थापना- 1978

8.भारतीय वन्य जीव संस्थान (Wildlife Institute Of India) –

  • स्थापना- 1982
  • उदेश्य- वन्य जीव सरक्षण क्षेत्र में प्रशिक्षण व रिसर्च करना

9.भारतीय सुदूर सवेंदन संस्थान (Indian Institute Of Remote Sensing) – 

  • स्थापना- 1966

10.इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी(Indira Gandhi National Forest Academy) –

  • स्थापना-1987

11.राष्ट्रीय दृष्टि बधित संस्थान (National Institute of Visually Impaired)

12.आपदा न्यूनीकरण व प्रबंधन केंद्र (Disaster Mitigation & Management Center)

देहरादून जनपद  प्रशासनिक ढांचा – 

विधानसभा सीटें – 10 सीटें

  1. चकराता(ST)
  2. राजपुर(SC)
  3. विकासनगर
  4. देहरादून
  5. धर्मपुर
  6. मसूरी
  7. रायपुर
  8. सहसपुर
  9. ऋषिकेश
  10. डोईवाला

विकासखंड  –

  1. रायपुर
  2. चकराता
  3. डोईवाला
  4. कालसी
  5. सहसपुर
  6. विकासनगर

तहसील –

  1. कालसी
  2. त्यूनी
  3. चकराता
  4. ऋषिकेश
  5. देहरादून
  6. विकासनगर
  7. डोईवाला

 

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