पुलवामा का बदला –
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों द्वारा सीआरपीएफ के जवानों पर आत्मघाती हमला किया गया था। तब पूरे देश में रोष व् गुस्सा था। भारतीय वायुसेना ने इसी के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयरस्ट्राइक की। इस एयरस्ट्राइक में वायुसेना ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अड्डों पर बम बरसाए थे। इस ऑपरेशन के दौरान लगभग 200 – 300 आतंकवादी मारे गए थे।
भारतीय वायु सेना द्वारा की गयी एयर स्ट्राइक –
14 फरवरी को पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकियों ने पुलवामा में आतंकी हमला किया था। जिस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसी के बाद भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के अड्डों पर एयरस्ट्राइक की थी। एयरस्ट्राइक होने के बाद सबसे पहले पाकिस्तान की ओर से कुछ तस्वीरें साझा की गई थी, फिर वायुसेना ने इसकी जानकारी दी।
भारतीय वायु सेना के 12 मिराज 2000 जेट्स ने 26 फरवरी 2019 को नियंत्रण रेखा पार की और बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शिविर पर हमला किया। भारतीय वायुसेना के अनुसार इस ऑपरेशन को महज 90 सेकेंड में अंजाम दिया गया था। मिशन की गोपनीयता इस स्तर की थी कि ऑपरेशन में शामिल पायलटों के परिजन भी इसकी कोई जानकारी नहीं थी।
1971 युद्ध के बाद पहली बारी भारतीय वायु सेना ने पकिस्तान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया-
48 वर्षों में पहली बार भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में जैश के ठिकानों पर बम गिराए और उन्हें तबाह कर दिया था। इस एयर स्ट्राइक में वायुसेना के मिराज 2000 विमानों का उपयोग किया गया था। एक पायलट ने बताया कि 90 सेकेंड के भीतर उन्होंने अपने लक्ष्य पर निशाना साधा और जिसमे 80 फीसदी से अधिक निशाने बिल्कुल सही लगे थे।
भारतीय वायु सेना ने 26 फ़रवरी 2019 को सुबह 3:30 बजे ये हमला किया था। भारतीय वायु सेना ने 12 मिराज 2000से 1000 किलोग्राम विस्फोटक जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानो में गिराए। हलाकि पाकिस्तान इस बात से साफ़ इंकार करता रहा की बलाकोट में कोई आतंकी मारा गया।
मेजर जनरल आसिफ गफूर (पाकिस्तान सशस्त्र बलों के प्रवक्ता) का यह कहना था की – आजाद जम्मू-कश्मीर के भीतर मुजफ्फराबाद सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पार भारतीय विमानों ने 3-4 मील अंदर तक घुसपैठ की थी। भारतीय वायु सेना को मजबूरन जल्दबाजी में भारतीय विमान ने पेलोड को जल्द ही जारी कर दिया जिससे खुले क्षेत्र में ही सारे बम गिर गये थे । इससे कोई बुनियादी ढांचे को कोई नुक्सान नहीं हुआ और ना ही कोई हताहत हुआ।