उत्तराखंड का अल्मोड़ा जनपद
Almora district of Uttarakhand
अलमोड़ा जनपद का इतिहास व भौगोलिक स्थित –
- चंद शासक भीष्म चंद ने अपनी राजधानी चंपावत से अल्मोड़ा स्थानान्तरित की व अल्मोड़ा में खगमरा किले का निर्माण कराया था।
(नोट- अल्मोड़ा में चंद वंश की राजधानी बालो कल्याण चंद तृतीय के शासन काल में 1563 में पूर्ण रूप से बनकर तैयार हुई थी।) - कल्याण चंद ने उस समय अल्मोड़ा का नाम आलमनगर(मुगल प्रभाव के कारण) रखा था।
- 1790 में गोरखाओं ने अल्मोड़ा पर आक्रमण कर दिया व हवालाबाग मैदान(अल्मोड़ा) में गोरखाओं व महेंद्र चंद के बीच युद्ध लड़ा गया।
- जिसमें महेंद्र चंद पराजित हो गया व इस प्रकार 1790 में गोरखाओं ने कुमाऊँ पर अधिकार कर लिया व अल्मोड़ा भी इनके अधीन हो गया था।
- 1815 में अल्मोड़ा अंग्रेजो के अधिकार में आ गया था।
- 1864 में अल्मोड़ा नगर पालिका का गठन हुआ था।
- 1891 में अल्मोड़ा को जिला बनाया गया था।
जनंसख्या- 6,22,506
जनघनत्व-198
लिंगानुपात-1139
साक्षरता- 80.47%
पुरुष साक्षरता – 92.86%
महिला साक्षरता – 69.93%
अल्मोड़ा जनपद की भौगोलिक स्थित-
- पूर्व- पिथौरागढ़ चंपावत
- पश्चिमी- पौड़ी
- उत्तर- चमोली,बागेश्वरदक्षिण- नैनीताल
अल्मोड़ा जनपद राज्य के छः जनपदों से सीमा बनाता है।
अल्मोड़ा जनपद के राष्ट्रीय राजमार्ग-
- NH109- नैनीताल-रानीखेत-द्वारहाट-चौखुटिया-गैरसैण-कर्णप्रयाग
- NH 309A- अल्मोड़ा-बागेश्वर
अल्मोड़ा जनपद की प्रमुख नदियां –
1.पश्चिमी रामगंगा-
- पश्चिमी रामगंगा नदी दूधातोली श्रेणी की पूर्वी ढाल से निकलती है व चमोली अल्मोड़ा, पोड़ी में बहते हुए पोड़ी के कालागढ़ नामक स्थान से राज्य के बाहर निकल जाती है व उत्तरप्रदेश के कन्नौज में गंगा से मिल जाती है।
रामगंगा की सहायक नदियां-
1.गयास नदी-
- यह नदी भिकियासैंण में रामगंगा से मिल जाती है।
2.बिनो नदी
2.कोशी नदी-
- कोशी नदी कौसानी(बागेश्वर) से निकलती है व बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल व उधम सिंह नगर से होकर सुल्तानपुर नामक स्थान पर राज्य से बाहर निकल जाती है व उत्तरप्रदेश में रामगंगा से मिल जाती है।
- सुयाल नदी कोशी नदी की प्रमुख सहायक नदी है जो अल्मोड़ा के निकट ख्वारब नामक स्थान पर कोशी नदी में मिल जाती है।
अल्मोड़ा जनपद के प्रमुख पर्यटक स्थल –
1.रानीखेत-
- रानीखेत का प्राचीन नाम झुलादेव था।
- 1869 में अंग्रेजों ने आधुनिक रानीखेत की स्थापना की थी।
- कुमाऊँ रेजिमेंट की स्थापना 27 अक्टूबर 1945 को हुई व मई 1948 में कुमाऊँ रेजिमेंट का मुख्यालय आगरा से रानीखेत लाया गया था।
2.ताड़ीखेत-
- यह स्थान रानीखेत से 8 km दूर स्थित है।
- ताड़ीखेत में गांधी कुटिया स्थित है।
3.द्वारहाट-
- द्वारहाट को उत्तर की द्वारिका या हिमालय की द्वारिका कहा जाता है।
- द्वारहाट को मंदिरों की नगरी कहा जाता है।
- द्वारहाट को कुमाऊँ का खजुराहो भी कहा जाता है।
- द्वारहाट में मंदिरों के तीन समूह हैं- कचहरी, मनिया व रत्नदेव मंदिर समूह
- द्वारहाट में स्थित प्रमुख मन्दिर- गुजर देव मंदिर बद्रीनाथ मंदिर आदि
4.विभांडेश्वर-
- विभांडेश्वर द्वारहाट से लगभग 5-6km दूर स्थित है।
- विभांडेश्वर को उत्तर का काशी भी कहा जाता है।
- विभांडेश्वर में विषुअत सक्रांति पर स्याल्दे बिखोती मेला लगता है।
अल्मोड़ा जनपद के प्रमुख मंदिर –
1.कटारमल का सूर्य मंदिर-
- यह मंदिर अल्मोड़ा से 16-17 km दूर कटारमल में स्थित है।
- कटारमल सूर्य मंदिर उत्तराखंड शैली से निर्मित है।
- कटारमल सूर्य मंदिर को बड़ादित्य सूर्य मंदिर भी कहा जाता है क्योंकि इस मंदिर में मुख्य प्रतिमा बड़ा दित्य सूर्य की है।
- इस मंदिर का निर्माण कत्युरी राजा कटारमल देव ने करवाया था।
- कटारमल सूर्य मंदिर के कपाट वर्तमान में राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली में रखे हुए हैं।
2.कसार देवी मंदिर-
- यह मंदिर अल्मोड़ा से 8km दूर कश्यप पहाड़ी पर स्थित है।
- यह मंदिर कश्यप पहाड़ी पर गुफानुमा जगह पर बना हुआ है।
3.चितई गोलू देवता मन्दिर-
- चितई गोलू देवता मंदिर अल्मोड़ा में स्थित है।
- गोलू देवता को कुमाऊँ में न्याय का देवता माना जाता है।
4.बिनसर महादेव मंदिर(वीरणेश्वर मंदिर)-
- यह मंदिर अल्मोड़ा में बिनसर पहाड़ी पर स्थित है।
- इस मंदिर का निर्माण राजा कल्याण चंद चतुर्थ ने कराया था।
5.राम शिला मंदिर-
- यह मंदिर अल्मोड़ा नगर में स्थित है।
- चंद काल में यह स्थान मल्लामहल था।
- 1588 में चंद वंशीय राजा रुद्र चंद ने इस मंदिर की स्थापना की थी।
6.गणनाथ मंदिर-
- यह शिव भगवान का मंदिर है।
7.सोमेश्वर मंदिर-
- यह मंदिर भगवान शिव का मंदिर है जिसकी स्थापना सोमचन्द ने करायी थी।
8.जागेश्वर मंदिर समूह-
- जागेश्वर में 124 छोटे-बड़े मंदिरों का समूह था।
- जागेश्वर मंदिर समूह में जागनाथ मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर, कुबेर, पंचकेदार,डंडेश्वर मंदिर हैं।
- जागेश्वर मंदिर समूह में महामृत्युंजय मंदिर सबसे प्राचीन मंदिर है।
9.द्वारहाट मंदिर समूह-
- द्वारहाट को हिमालय की द्वारिका व मंदिरों की नगरी कहते हैं।
- द्वारहाट के प्रमुख मंदिर- गुजर देव मंदिर, बद्रीनाथ मंदिर, केदारनाथ मंदिर आदि
- द्वारहाट में मंदिरों के तीन समूह हैं- कचहरी, मनिया व रत्नदेव मंदिर समूह
- इन मंदिर समूहों में गुजरदेव मंदिर सबसे बड़ा मंदिर है।
10.नंदा देवी मंदिर
अल्मोड़ा जनपद के प्रमुख मेले –
1.गणनाथ का मेला –
- यह मेला अल्मोड़ा जनपद के गणनाथ में प्रति वर्ष कार्तिक पूर्णिमा में लगता है।
- इस मेले में स्त्रियां रात भर हाथ में दीपक लेकर पुत्र प्राप्ति हेतु पूजा करती हैं।
- यह मेला गणनाथ मंदिर शिव को समर्पित है।
2.स्याल्दे- बिखोती मेला-
- यह मेला अल्मोड़ा जनपद के द्वारहाट कस्बे में प्रतिवर्ष बैशाख माह में लगता है।
- बैशाख माह के पहले दिन बिखोती मेला व पहली रात्री को स्याल्दे मेला लगता है।
- इस मेले का आरम्भ कत्यूरी शासनकाल के समय से माना जाता है।
- इस मेले में झोड़े व भगनोल गीत गाये जाते हैं।
3.सोमनाथ मेला-
- यह मेला सोमेश्वर महादेव मंदिर में लगता है।
- इस मेले के पहले दिन को सल्टीया मेला, दूसरे दिन को ठुल मेला(बड़ा मेला) व उसके बाद नान कौतिक(छोटा मेला) कहा जाता है।
4.श्रावणी मेला-
- यह मेला अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम में प्रतिवर्ष श्रावण माह में लगता है।
- यह मेला एक माह तक चलता है।
- इस मेले में महिलाएं सन्तान प्राप्ति के लिये रात भर हाथ मे दिये जलाये पूजा अर्चना करती हैं।
5.दुनागिरी का मेला-
- यह मेला अल्मोड़ा जिले के द्वारहाट में लगता है।
6.नंदादेवी मेला-
- नंदा देवी मेला हर साल भाद्र मास की अष्टमी के दिन आयोजित किया जाता है।
- 1671 में चंद राजा बाज बहादुर चंद ने गढ़वाल को पराजित कर बधाणकोट किले से नंदा देवी की मूर्ति को अल्मोड़ा लाया गया व मल्ला महल में स्थापित की थी।
- 1815 में कमिश्नर ट्रेल ने इस मूर्ति को मल्ला महल से अल्मोड़ा के पर्वतेश्वर मंदिर में स्थापित करवाया था।
7.बग्वाली-पोखर मेला
8.सालम रंग महोत्सव
अल्मोड़ा जनपद में स्थित प्रमुख संस्थान –
1.विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (Vivekananda Hill Agricultural Research Institute) –
- स्थापना- 1924
- संस्थापक- डॉ बासी सेन
- डॉ बोसी सेन ने इस संस्थान की स्थापना 1924 में कोलकाता में की व इसका नाम विवेकानंद लेबोरेटरी रखा।
- 1936 में स्थायी रूप से विवेकानंद लेबोरेटरी को अल्मोड़ा स्थानांतरित किया गया।
- 1974 में विवेकानंद लेबोरेटरी का नाम विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान रखा गया।
2.जी०बी०पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं विकास संस्थान (GB Pant National Institute of Himalayan Environment and Development)
3.रक्षा कृषि शोध संस्थान(Defense Agricultural Research Institute)
4.उदय शंकर नृत्य एवं नाट्य अकादमी (Udaya Shankar Dance and Drama Academy)
5.उत्तराखंड लोक कला संस्थान(Uttarakhand Institute of Folk Arts)
6.गोविंद वल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय(Govind Vallabh Pant Government Museum)
अल्मोड़ा जनपद का प्रशासनिक ढांचा –
अल्मोड़ा जनपद की विधानसभा सीटें-
- रानीखेत
- सल्ट
- द्वारहाट
- अल्मोड़ा
- जागेश्वर
- सोमेश्वर(SC)
अल्मोड़ा जनपद की तहसील –
- अल्मोड़ा
- सोमेश्वर
- सल्ट
- जैंती
- भनोली
- चौखुटिया
- द्वारहाट
- भिकियासैंण
- स्याल्दे
- धौलछीना
- लमगड़ा
- रानीखेत
अल्मोड़ा जनपद के विकासखण्ड-
- ताकुला
- भैसियाछाना
- लमगड़ा
- सल्ट
- हवालाबाग
- चौखुटिया
- ताड़ीखेत
- धौलादेवी
- भिकियासैंण
- द्वारहाट
- स्याल्दे