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राजस्थान प्रजामण्डल

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राजस्थान प्रजामण्डल


Rajasthan Praja Mandal


अंग्रेजी सरकार व राजाओं द्वारा एक मण्डल बनाया गया था,जिसे नरेंद्र मण्डल कहा गया था। नरेंद्र मण्डल बनने के पश्चात 1920 के दशक में ठिकानेदारों और जागीरदारों के अत्याचार दिन लगातार बढ़ते जा रहे थे।

इस मण्डल के दमन के लिए प्रजा ने एक मण्डल बनाया जिसका नाम प्रजापमण्डल रखा गया था। इसी प्रजामण्डल ने आंदोलन का रूप लिया और जिसे  प्रजामण्डल आन्दोलन कहा गया था।

राजस्थान में कुल 19 प्रजामंडल है। प्रजामण्डल का अर्थ – प्रजा का मण्डल या प्रजा का संगठन।

प्रजा मण्डल आन्दोलनों का उद्देश्य – “रियासती कुशासन का दमन करना तथा एक उत्तरदायी शासन की स्थापना करना जो प्रजा के प्रती उत्तरदायी हो”।

जयपुर प्रजामण्डल(1931) –

  • जयपुर प्रजामंडल का गठन 1931 ई. में हुआ था।
  • इसके संस्थापक कर्पूरचन्द पाटनी थे।
  • जयपुर प्रजामंडल राजस्थान का प्रथम प्रजामंडल था।

बूंदी प्रजामण्डल(1931) –

  • बूंदी प्रजामंडल का गठन 1931 ई. में हुआ था।
  • इसके संस्थापक कांतिलाल थे।

मारवाड़ प्रजामण्डल(1934) –

  • मारवाड़ प्रजामंडल का गठन 1934 ई. में हुआ था।
  • इसके संस्थापक जयनारायण व्यास थे। जयनारायण व्यास को शेर-ए-राजस्थान भी कहा जाता है। जयनारायण व्यास ने इस प्रजामण्डल की स्थापना जोधपुर में की थी।
  • इस प्रजामंडल केअध्यक्ष भंवरलाल सर्राफ थे।

हाड़ौती प्रजामण्डल(1934) –

  • हाड़ौती प्रजामंडल का गठन 1934 ई. में हुआ था।
  • इसके संस्थापक नयनूराम शर्मा थे।

धौलपुर प्रजामण्डल(1936) –

  • धौलपुर प्रजामंडल का गठन 1936 ई. में हुआ था।
  • इसके संस्थापक कृष्णदत्त पालीवाल  व ज्वाला प्रसाद जिज्ञासु थे।

बीकानेर प्रजामण्डल(1936) –

  • बीकानेर प्रजामंडल का गठन 1936 ई. में हुआ था।
  • इसके संस्थापक वैद्य मघाराम कुम्भाराम थे।
  • बीकानेर प्रजामंडल राजस्थान का एकमात्र ऐसा प्रजामण्डल था , जिसकी स्थापना कलकत्ता में हुई थी। अन्य अभी प्रजामंडलों ई स्थापना राजस्थान में हुई थी।

मेवाड़ प्रजामण्डल(1938) – 

  • संस्थापक – माणिक्य लाल वर्मा (मेवाड़ का गाँधी)
  • अध्यक्ष – बलवंत सिंह मेहता
  • उपाध्यक्ष – भूरेलाल बया
  • मेवाड़ प्रजामण्डल का प्रथम अधिवेशन 1941 में उदयपुर की शाहपुरा हवेली में हुआ था। यह अधिवेशन माणिक्य लाल वर्मा की अध्यक्षता में हुआ था। इस अधिवेशन में जे.बी. कृपलानीविजयालक्ष्मी पण्डित ने भाग लिया था।

अलवर प्रजामण्डल(1938) – 

  • संस्थापक – पं. हरिनारायण शर्मा कुंजबिहारी मोदी
  • 1939 में सरदार नत्थामल इस प्रजामंडल के अध्यक्ष बने थे।

भरतपुर प्रजामण्डल(1938) –

  • संस्थापक – गोपीलाल यादव किशनलाल जोशी

शाहपुरा(1938) – 

  • संस्थापक – रमेशचन्द्र औझालादूराम व्यास
  • यह राजस्थान की प्रथम रियासत थी जिसने उत्तरदायी शासन की स्थापना की।

सिरोही प्रजामण्डल( 23 जनवरी1939) –

  • संस्थापक – गोकुलभाई भट्ट(राजस्थान का गाँधी)
  • सिरोही प्रजामण्डल की स्थापना मुंबई में हुई थी।

करौली प्रजामण्डल(1939) – 

  • संस्थापक – त्रिलोकचंद माथुर, चिरंजीलाल शर्मा व कुंवर मदन सिंह 

कोटा प्रजामण्डल (1939) –

  • कोटा प्रजामण्डल का गठन 1939 ई. में हुआ था।
  • इसके संस्थापक नयनूराम शर्मा व अभित्र हरि थे।

किशनगढ़ प्रजामण्डल(1939)-

  • संस्थापक – कांतिलाल चौथानी

कुशलगढ़ प्रजामण्डल(अप्रेल1942) –

  • संस्थापक – भंवरलाल निगम व कन्हैयालाल सेठिया

बांसवाड़ा प्रजामण्डल(1943) – 

  • संस्थापक – भूपेन्द्रनाथ त्रिवेदी

डूंगरपुर प्रजामण्डल(1 अगस्त 1944) –

  • संस्थापक – भोगीलाल पाड्या (वागड़ का गांधी)

प्रतापगढ़ प्रजामण्डल(1945) –

  • संस्थापक – चुन्नीलाल व अमृतलाल

जैसलमेर प्रजामण्डल(15 दिसम्बर 1945) –

  • संस्थापक – मीठालाल व्यास
  • जैसलमेर प्रजामण्डल का गठन जोधपुर में हुआ था।

झालावाड़ प्रजामण्डल(25 नवम्बर 1946) –

  • संस्थापक – मांगीलाल भव्य
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