सन् 1788 में हैदराबाद में कुमांऊँ रेजीमेंट की स्थापना हुयी थी।27 अक्टूबर 1945 को यह रेजीमेंट कुमांऊँ रेजीमेंट के नाम से अस्तित्व में आयी।कुमांऊँ रेजीमेंट का मुख्यालय आगरा में था।1948 को इसका मुख्यालय रानीखेत स्थान्तरित किया गया।कुमांऊँ रेजीमेंट द्वारा भरतीय सेना में 3 थल सेनाध्यक्ष दिए गये।
कुमांऊँ रेजीमेंट के मेजर सोमनाथ शर्मा को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।सोमनाथ शर्मा प्रथम भारतीय थे जिन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ।
मेजर शैतान सिंह 1962 के भारत चीन युद्ध में अपने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए शहीद हुए थे।
भारत सरकार ने वर्ष 1963 में उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया।
गढ़वाल रेजीमेन्ट (Garhwal Regiment)-
5 मई 1887 को गोरखा रेजीमेन्ट की दूसरी बटालियन से गढ़वाल रेजीमेन्ट का गठन किया गया। 1887 में इसका मुख्यालय पौड़ी के लेंसडाउन में बनाया गया।2007 में इस रजिमेंट को इंद्रा गाँधी पर्यावरण पुरुस्कार को सम्मानित किया गया।
दरबान सिंह नेगी को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान विक्टोरिया क्रांस से सम्मानित किया गया।
1915 में गबन सिंह को भी विक्टोरिया क्रांस से सम्मानित किया गया।